राष्ट्रीय
शराबी मुर्गा : पानी की नहीं आदत, बिना दारू के नहीं खाता अनाज का दाना
महाराष्ट्र के भंडारा जिले स्थित पिपरी पुनर्वसन गांव के रहने वाले है शराबी मुर्गा
सीएन, भंडारा। किसी शख्स के इलाज का जिक्र होने पर दवा-दारू शब्द का इस्तेमाल होना आम बात है. लेकिन क्या हो जब इलाज के नाम पर किसी को शराब पिलाई जाए और वो उससे ठीक जाए और उसे दारू की लत भी लग जाए। चौंकिये नहीं यहां बात किसी इंसान की नहीं बल्कि एक मुर्गे की है जिसके दिन की शुरुआत बिना शराब पिए नहीं होती है। महाराष्ट्र के भंडारा जिले स्थित पिपरी पुनर्वसन गांव के रहने वाले भाऊ कातोरे यूं तो पेशे से किसान हैं, मगर वो मुर्गा पालने का शौक भी रखते हैं। इसलिये उन्होंने अपने घर पर ही बहुत सारी मुर्गियां और मुर्गे पाल रखे हैं। हालांकि उनका एक मुर्गा कुछ अनूठा है क्योंकि वो रोज दारु पीता है। यह जानकर आप हैरान तो जरूर हुए होंगे मगर ये एकदम सच्ची बात है। इस मुर्गे की चर्चा भंडारा जिले के अलावा इंटरनेट के जरिए पूरे देश में हो रही है। ऐसे में ये कहना भी गलत नहीं होगा कि ये शराबी मुर्गा अब सोशल मीडिया पर मशहूर हो रहा है. ऐसे में इस मुर्गे को शराब पीने का शौक कब लगा ये पूछने पर उन्होंने बताया कि पिछले साल मुर्गों को एक बीमारी आई थी तब भाऊ कातोरे की बहुत सारी मुर्गियों को मारना पड़ा था। फिर किसी ने उन्हें बताया कि मुर्गों को शराब पिलाने से यह बीमारी ठीक हो सकती है। बस फिर क्या था भाऊ ने अपने कुछ मुर्गों को दारु पिलाना शुरू किया जिसके बाद बाकी मुर्गों की तरह ये मुर्गा ठीक तो हो गया लेकिन उसे शराब की लत लग गई यानी उसने पानी पीना ही बंद कर दिया। मुर्गे को नशे की ऐसी लत लगी कि जबतक उसे दारु नहीं मिलती तब तक वो अनाज का एक दाना भी नहीं उठाता। साफ है कि उसे शराब पीने की आदत पड़ गई है। भाऊ उसको अब रोजाना शराब पिलाते हैं। भाऊ का कहना है कि अब उन्हें इस मुर्गे से इतना प्यार हो गया है कि वो उनके फैमिली मेंबर जैसा हो गया है।