राजनीति
पास हुए एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र की नवनियुक्त सरकार ने जीता विश्वास मत
पास हुए एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र की नवनियुक्त सरकार ने जीता विश्वास मत
सीएन, मुबई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल कर लिया। एकनाथ शिंदे सरकार को 164 वोट पड़े हैं। वहीं उद्धव गुट के एक विधायक ने शिंदे के पक्ष में वोट डाला। शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार के समर्थन में वोट किया। संतोष ने सोमवार को ही उद्धव का दामन छोड़कर शिंदे गुट को ज्वाइन किया है। इसके अलावा अन्य विधायक श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में वोट किया। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा में वोटिंग के दौरान कुछ हंगामा भी हुआ। यहां जब विधायक प्रताप सरनायक ने शिंदे सरकार के सपोर्ट में वोट किया तब उद्धव गुट ने ईडी ईडी के नारे लगाए। विधानसभा में विपक्ष ने ध्वनिमत से बहुमत साबित करने की बात पर एतराज जताया है। जिसके बाद वोटिंग से फ्लोर टेस्ट हुआ। इसमें दोनों गुटों के विधायकों को अलग-अलग बैठाकर हेडकाउंट किया गया। रविवार को हुए राज्य के विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा के विधायक राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल की है। उन्होंने ठाकरे गुट की शिवसेना के उम्मीदवार राजन साल्वी को मात दी है। मतदान में जहां नार्वेकर को 164 वोट मिले हैं तो वहीं साल्वी को महज 107 वोटों से संतोष करना पड़ा। जबकि, सपा के दोनों विधायकों और एआईएमआईएम के विधायक ने किसी भी पक्ष में मतदान नहीं किया।
क्या होता है फ्लोर टेस्ट
फ्लोर टेस्ट एक ऐसा प्रस्ताव है जिसके माध्यम से यह जाना जाता है कि मौजूदा सरकार या मुख्यमंत्री के पास पर्याप्त बहुमत है या नहीं. यानी कि क्या कार्यपालिका को विधायिका का विश्वास प्राप्त है. यह एक संवैधानिक व्यवस्था है जिसके तहत गवर्नर एक मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है आसान भाषा में समझें तो सत्तारुढ़ पार्टी या मुख्यमंत्री पर जब बहुमत को लेकर सवाल उठाया जाता है, तो बहुमत का दावा करने वाले पार्टी या गठबंधन के नेता को, विश्वास मत हासिल करना होता है. इसके तहत उन्हें विधानसभा में मौजूद और मतदान करने वालों के बीच अपना बहुमत साबित करना पड़ता है. यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है जिसमें राज्यपाल की कोई भूमिका या हस्ताक्षेप नहीं होता है. आज जैसी स्थिति महाराष्ट्र में 2014 में भी पैदा हुई थीं लेकिन तब देवेंद्र फडणवीस ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपनी सरकार को बचा लिया था. 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ा दल बना था. उस वक्त मोदी लहर अपने प्रचण्ड रूप में थी, शिवसेना 63 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. इसके अलावा कांग्रेस को 42 तो एनसीपी को 41 सीटों में जीत मिली थी.