राष्ट्रीय
प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लंबे समय बाद बढ़ी रौनक
कॉर्बेट पार्क के सभी जोन डे व नाईट साफरी के लिए 14 मई तक पैक
सीएन, नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लंबे समय बाद बड़ी रौनक देखने को मिल रही है। कॉर्बेट पार्क के सभी जोन के साथ ही नाइट स्टे भी 14 मई तक हुए पैक हो गए है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक जिम कॉर्बेट पहुंचते हैं। कॉर्बेट की जैव विविधता विश्व में प्रसिद्ध है। कोरोना के कारण लंबे समय बाद कॉर्बेट में एक बार फिर रौनक देखने को मिल रही है। 2 वर्षों से कोरोना के चलते दो बार कॉर्बेट पार्क को पर्यटकों के लिए बंद किया गया था। वही पर्यटक भी कॉर्बेट पार्क आने में कतरा रहे थे। चुनाव के बाद और कोरोना के घटते मामलों के बाद दी गयी ढील के चलते अब पर्यटक लगातार कॉर्बेट पार्क में भ्रमण पर आ रहे हैं। जिससे कोर्बेट प्रशासन के साथ ही स्थानीय कोर्बेट से जुड़े कारोबारी भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग ज़ोन में 14 मई तक सभी जोन डे व नाईट साफरी के लिए पैक हो चुके हैं। जिसमें कॉर्बेट पार्क के अलग अलग जोनों के अंदर नाइट स्टे वाले कक्ष भी लगभग फुल है। कॉर्बेट पार्क के सभी जोनों में पर्यटकों ने डे विजिट व नाइट सफारी के लिए बुकिंग करवाई है। जिसमें ढिकाला, बिजरानी झिरना, गर्जिया, सोनानदी दुर्गा देवी, पाखरो, मुडियापानी आदि पर्यटन ज़ोन आदि शामिल है। कार्बेट पार्क के झिरना जोन में लगातार पर्यटको को टाइगर साइटिंग हो रही है, जिसमे पर्यटक झिरना जोन में लगातार सफारी का आनंद उठा रहे हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में एक महत्वपूर्ण पार्क
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में एक महत्वपूर्ण पार्क हैं। यह राष्ट्रीय अभयारण्य उत्तराखंड राज्य के नैनीताल ज़िले में रामनगर शहर के निकट एक विशाल क्षेत्र को घेर कर बनाया गया है। इसकी स्थापना विलुप्तप्राय बंगाल टाइगरों की रक्षा के लिए 1936 में की गई थी। यह गढ़वाल और कुमाऊँ के बीच रामगंगा नदी के किनारे लगभग 1316 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां के सुरक्षित प्राकृतिक स्थलों में हाथी, चीता, शेर आदि रहते हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और 1936 में लुप्तप्राय बंगाल बाघ की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस पार्क का मुख्य कार्यालय रामनगर में है और यहाँ से परमिट लेकर पर्यटक इस उद्यान में प्रवेश करते हैं। जब पर्यटक पूर्वी द्वार से उद्यान में प्रवेश करते हैं तो छोटे-छोटे नदी-नाले, शाल के छायादार वृक्ष और फूल-पौधों की एक अनजानी सी सुगन्ध उनका मन मोह लेती है। पर्यटक इस प्राकृतिक सुन्दरता में सम्मोहित सा महसूस करता है।
पाए जाते हैं विभिन्न प्रकार के सुंदर पुष्प और वन्यजीव
यह पार्क उत्तरांचल का अभिन्न अंग है। इस पार्क में विभिन्न प्रकार के सुंदर-सुंदर पुष्प और वन्यजीव पाए जाते हैं। यहाँ के सुरक्षित प्राकृतिक स्थलों में हाथी, चीता, शेर आदि रहते हैं। पार्क में 110 प्रकार के पेड़, 50 स्तनपायी नस्ल के प्राणी, पक्षियों के 580 जातियाँ, 25 प्रकार के रेंगने वाले जीव पाए जाते हैं। पार्क के प्राकृतिक पहाड़ों की गोद में चीते दिखाई देते हैं। विभिन्न प्रकार की नाकॅटरनल बिल्लियाँ यहाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा अनेक जंगली बिल्लियाँ भी मिलती हैं। स्लोथ भालू पार्क के निचले हिस्से में पाए जाते हैं तथा हिमालयीन ब्लैक भालू पहाड़ी की ऊँचाइयों पर रहते हैं। राम गंगा नदी के किनारे आप स्नाउट मछली को खाने वाले घडि़याल, मगरमच्छ मिलते हैं। पथरीली पहाड़ियों के किनारे आपको घोराल भी मिल सकते हैं।