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राहुल गांधी विदेशी हैं, कैसे पता चला, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका, वकील का कुतर्क सुन भड़के जज

राहुल गांधी विदेशी हैं, कैसे पता चला, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका, वकील का कुतर्क सुन भड़के जज
सीएन, लखनऊ।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ ने राहुल गांधी को संसद सदस्य सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी। कर्नाटक के बीजेपी कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि राहुल गांधी भारत के नागरिक नहीं हैं, बल्कि ब्रिटिश नागरिक हैं। इसलिए वे संविधान के अनुच्छेद 84 ए में निहित प्रावधानों के तहत सांसद बनने के पात्र नहीं हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने की। राहुल गांधी की नागरिकता के संबंध में विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडे द्वारा बैकअप लिमिटेड ब्रिटेन में रजिस्टर कंपनी के डायरेक्टर के रूप में राहुल गांधी के आईटीआर को अदालत के संज्ञान में लाया गया, जिसमें उन्होंने बताया है कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्होंने कहा अनुच्छेद 102 में निहित प्रावधानों के तहत एक सांसद के रूप में चुने जाने के लिए राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किया गया था। हमने यह अधिनियम की धारा 8 के तहत कहा है क्योंकि उन्हें दोषी मोदी सरनेम मामले में, ठहराया गया है और 2 साल की कैद की सजा सुनाई गई है जिससे वह सांसद के रूप में अयोग्य ठहराये गए थे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा. आपको कैसे पता चला कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं, कोर्ट ने पूछा, आप बीजेपी कार्यकर्ता हैं, आपने ये बात याचिका में क्यों नहीं बताई, जवाब में वकील पांडे ने कहा कुछ दस्तावेज बताते हैं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। उन दस्तावेजों के आधार पर मैं बता रहा हूं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं। कोर्ट ने पूछा कि ये दस्तावेज आपको कहां से मिले, वकील ने कहा. इंटरनेट से डाउनलोड किया है। याचिकाकर्ता ने कहा ष्इन सबूतों के आधार पर गृह मंत्रालय ने उन्हें नोटिस भी भेजा है। कई लोगों ने पहले भी कोशिश की लेकिन वे अदालत के सामने राहुल को ब्रिटिश नागरिक साबित नहीं कर सके। इस पर जब पीठ ने कहा कि उसने याचिकाकर्ता को अपनी दलीलें पेश करने का पर्याप्त मौका दिया है और उनकी सभी दलीलों पर ध्यान दिया गया है अब वह अपना फैसला सुरक्षित रखने जा रही है तो वकील अशोक पांडे अधीर हो गए। उन्होंने पीठ से सुनवाई जारी रखने पर जोर दिया और कहा कि उनके पास देने के लिए बहुत सारी दलीलें हैं। उन्होंने कहा अभी और सुनिए हमें बहस करने दीजिए। बोलने दीजिए। यहां 20-20 दिन बहस सुनी जाती है और आप हमें एक घंटा नहीं सुन रहे। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि अगर दलीलें दमदार हों तो उन मामलों में सुनवाई 20 दिनों तक चलती है। पीठ ने फिर इस बात पर जोर दिया कि वकील पांडे द्वारा दी जा रही दलीलों को अदालत पहले ही सुन चुकी है और उन पर विचार कर चुकी है। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने कहा देखिये हो गया। आप वकील पांडे ऐसे करेंगे तो हमें उठना पड़ेगा। पूरा दिन काम करना है हमें, ऐसे मूड खराब करके कैसे होगा काम। बहस जिन मामलों में 20-20 दिन सुनी जाती है वो मामले सुनने लायक भी होते हैं। हालांकि न्यायालय की टिप्पणियों के जवाब में वकील पांडे ने पीठ से व्यक्तिगत न होने का आग्रह किया। तब पीठ ने कहा, बस! आपने हमारे धैर्य की परीक्षा ली है। आप न्यायालय को हल्के में नहीं ले सकते। हमने आपको पर्याप्त मौके दिए हैं। अब हम उठ रहे हैं। ऐसा लगता है कि आप नहीं चाहते कि हम अन्य मामलों की सुनवाई करें। जनहित याचिका दायर की गई, जबकि नागरिकता का मुद्दा पहले भी अदालतों से दो बार खारिज किया जा चुका है और आप इस मामले में सक्षम प्राधिकारी के पास कब गए, जवाब में याचिकाकर्ता ने कहा कि मैंने इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी से संपर्क किया था। मेरा मानना है कि राहुल गांधी विदेशी नागरिक हैं और कई सबूत इस बात की गवाही देते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा मोदी सरनेम मामले में सूरत की एक निचली अदालत ने राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी, पर रोक लगा दी है, लेकिन वह अब भी सांसद के रूप में पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव लड़ने की स्पष्ट अनुमति नहीं दी है। याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर के वकील अशोक पांडे ने अदालत को बताया कि वह 2016 से बिना किसी बाधा के मामलों पर बहस कर रहे हैं। हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने को कहा जिनके पास किसी की नागरिकता निर्धारित करने की शक्ति है। कोर्ट ने कहा कि उसके हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि वह एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। न्यायालय ने उनसे पहले इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए भी कहा कि क्या उच्चतम न्यायालय का कोई निर्णय है जिसमें कहा गया है कि किसी सांसद व विधायक की अयोग्यता दोषसिद्धि पर रोक लगने के बाद भी बनी रहती है। इसके बाद जब वकील पांडे बहस करते रहे तो बेंच ने उठने का फैसला किया और कुछ देर बाद याचिका खारिज कर दी। बता दें कि राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगह से जीत दर्ज की थी।

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