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एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के यूनिक नंबरों का खुलासा नहीं किया, एससी ने लगाई फिर लताड़

एसबीआई से मिली इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट में डाली
सीएन, नईदिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्टोरल बॉन्ड पर पूरा डेटा साझा नहीं करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि संविधान पीठ के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी डिटेल, खरीद की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी सहित दिया जाए ।एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर्स का भी खुलासा किया है। एसबीआई से मिली इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट में अपलोड कर दी है। बॉन्ड की जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को बॉन्ड के जरिए सबसे ज्यादा चंदा मिला है। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है। अब जिन कंपनियों ने बीजेपी को दान दिया है। उन्हें लेकर विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं। ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू ने चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाल लिया है। वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड पर सियासी जंग छिड़ी है। इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अभी तक चुनावी बांड की संख्या का खुलासा नहीं किया है जो उसे करना था। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से शीर्ष अदालत को सौंपे गए चुनावी बांड के दस्तावेजों को सीलबंद कवर में वापस करने का अनुरोध किया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। अदालत ने एसबीआई को पिछले 5 वर्षों में किए गए दान पर सभी विवरण साझा करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस जारी कर पूछा है उसने चुनावी बॉन्ड के यूनिक नंबर निर्वाचन आयोग को क्यों नहीं दिये। एससी ने नोटिस जारी करते हुए एसबीआई से सोमवार तक जवाब  तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या यानी यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का खुलासा करना चाहिए था। न्यायालय ने इस संबंध में बैंक से जवाब मांगा है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की जिसमें चुनावी बॉन्ड मामले में न्यायालय के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है।

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