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देश के 50 वें सीजेआई होंगे जस्टिस चंद्रचूड़ : एससी के जज जिन्होंने अपने पिता के फैसले को पलटा
देश के 50 वें सीजेआई होंगे जस्टिस चंद्रचूड़ : एससी के जज जिन्होंने अपने पिता के फैसले को पलटा
सीएन, नईदिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की है। जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ देश के 50 वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे। चीफ जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 1985 में तत्कालीन सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ ने जस्टिस आरएस पाठक और जस्टिस एएन सेन के साथ आइपीसी की धारा-497 की वैधता को बरकरार रखा था। सोमित्रि विष्णु मामले में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में लिखा था कि सामान्य तौर पर यह स्वीकार किया गया है कि संबंध बनाने के लिए फुसलाने वाला आदमी ही है न कि महिला है। वहीं 33 साल बाद अगस्त 2018 में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक ऐसे ही मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें ऐसे फैसले सुनाने चाहिए जो वर्तमान में प्रासंगिक हों। उन्होंने कहा था कि ऐसी महिलाएं हैं जो अपने ऐसे पतियों से पिटती भी हैं जो कुछ कमाते भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह तलाक लेना चाहती है, लेकिन ऐसे मामले वर्षों तक अदालतों में लटके रहते हैं। सीजेआई ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा है। वे मात्र 74 दिन इस पर पद रहेंगे। जस्टिस ललित 26 अगस्त 2022 को सीजेआई एनवी रमण का कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उनका कार्यकाल मात्र ढाई माह का है, जबकि उनके पूर्व प्रधान न्यायाधीशों का औसत कार्यकाल 1.5 साल का रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। यानी वे दो साल तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। उन्हें 2016 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।