राजनीति
देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, शपथ ग्रहण के साथ ही बन गया इतिहास
देश की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, शपथ ग्रहण के साथ ही बन गया इतिहास
सीएन, नईदिल्ली। देश को आज सबसे युवा राष्ट्रपति मिल गया है। द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। संसद के केंद्रीय कक्ष में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया था। द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। इसके साथ-साथ वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी हैं। मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का रिकॉर्ड तोड़ा है। नीलम संजीव रेड्डी ने जब पद ग्रहण किया था तब उनकी उम्र 64 साल 2 महीने 6 दिन थी। वहीं, द्रौपदी मुर्मू की उम्र भी 64 साल है, लेकिन शपथ ग्रहण यानी आज के दिन उनकी उम्र 64 साल एक महीना और चार दिन है। द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़ी रही हैं। आदिवासी समुदाय संथाल से संबंध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू स्नातक तक पढ़ी हुई हैं। उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से यह डिग्री हासिल की थी। द्रौपदी मुर्मू ने राजनीति में ग्राउंड जीरो से काम शुरू किया है। वह पहली बार 1997 में रायरंगपुर से नगर पंचायत पार्षद बनीं। इसके बाद वह 2 बार ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक भी रहीं। साथ ही भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम इससे पहले भी कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। साल 2000 में गठन के बाद से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल भी हैं। वह पहली ऐसी ओडिया नेता भी हैं, जिन्हें राज्यपाल बनाया गया था। चुनाव में राष्ट्रपति मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 प्रतिशत से अधिक वैध वोट प्राप्त किए थे और भारी मतों के अंतर से चुनाव जीता था। मुर्मू को सिन्हा के 3,80,177 वोटों के मुकाबले 6,76,803 वोट मिले थे