राजनीति
क्लर्क से राष्ट्रपति उम्मीदवार तक-फर्श से अर्श तक ऐसी पहुंची द्रौपदी मुर्मू
सीएन, नईदिल्ली। झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए की उम्मीदवार. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर संसदीय बोर्ड की बैठक में 20 नामों पर चर्चा की गई और अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि एनडीए को इस संवैधानिक पद के लिए देश के पूर्वी इलाके से किसी महिला को प्रत्याशी बनाना चाहिए. झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (64) अगर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाती हैं, तो वह देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी महिला बन जाएंगी और इस बात की प्रबल संभावना है कि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में ही फैसला हो. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से किसी प्रमुख राजनीतिक दल या गठबंधन की तरफ से पहली राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. इसके पहले वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं. उन्होंने 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल के रूप में कार्य किया. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गरीब आदिवासी परिवार में 20 जून, 1958 को हुआ था. उन्होंने रमादेवी महिला कॉलेज भुवनेश्वर में बीए किया. चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में पढ़ाया. द्रौपदी मुर्मू की निजी जिंदगी काफी संघर्षपूर्ण रही है. उनकी शादी श्याम चरण मुर्मू से हुई थी, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी थी. लेकिन उन्होंने बहुत जल्द ही अपने पति और दो बच्चों को खो दिया. बता दें कि उन्होंने रांची के कश्यप मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित किए गए रन ऑफ विजन प्रोग्राम में अपनी आंखें दान करने की घोषणा भी की थी. द्रौपदी मुर्मू ने 1979 और 1983 के बीच सिंचाई और बिजली विभाग में एक जूनियर क्लर्क के रूप में कार्य किया था. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रायरंगपुर एनएसी के उपाध्यक्ष के रूप में की थी. द्रौपदी मुर्मू 2000 और 2004 के बीच रायरंगपुर से ओडिशा विधानसभा की सदस्य थीं. एक मंत्री के रूप में, उन्होंने परिवहन और वाणिज्य, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों का कार्यभार संभाला. उन्होंने 2004 से 2009 तक ओडिशा विधानसभा में फिर से विधायक के रूप में कार्य किया. द्रौपदी मुर्मू को 2007 में, ओडिशा विधानसभा ने सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया.