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टूर ऑफ ड्यूटी योजना अंतिम चरण में, तय हो गए सेना भर्ती के नए नियम
टूर ऑफ ड्यूटी योजना अंतिम चरण में, तय हो गए सेना भर्ती के नए नियम
सीएन, नयी दिल्ली। सशस्त्र बलों में शामिल होने की चाहत रखने वाले और इसकी तैयारी करने वाले देश के लाखों युवाओं के लिए बड़ खुशखबरी है। सशस्त्र बलों द्वारा ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ (टीओडी) योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसके तहत सैनिकों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक अवधि के आधार पर भर्ती किया जाना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, इस योजना को इस सप्ताह शुरू किया जा सकता है, क्योंकि तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बीच विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इसे अंतिम रूप दिया जा चुका है। प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार, निकट भविष्य में सेना में सैनिकों की भर्ती नयी योजना के तहत की जानी है। नयी भर्तियों में से 50 प्रतिशत की सेवा की अवधि तीन से पांच साल के बीच हो सकती है, जबकि बाकी का कार्यकाल लंबा हो सकता है। इस योजना को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ या ‘अग्निपथ’ के नाम से जाना जाएगा। मूल प्रस्ताव के मुताबिक, कुछ सैनिकों की सेवा अवधि तीन साल, जबकि कुछ अन्य की लगभग पांच साल रहेगी. सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए कुछ सैनिकों की सेवा की अवधि लंबी भी हो सकती है। फिलहाल सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भर्ती का न्यूनतम समय 10 साल का है। वहीं नए भर्ती नियम के तहत जितने युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा उनमें से 75 से 80 फीसदी 4 साल बाद सेवा मुक्त हो जाएंगे लेकिन बाकि तो स्थायी तौर पर सेना में रख लिया जाएगा। डीएमए की ओर से इस योजना को विकसित किया गया है। इसमें दुनियाभर के कई देशों के भर्ती मॉडल का अध्ययन किया गया है। इस योजना को टूर ऑफ ड्यूटी और अग्निपथ भर्ती योजना जैसे नाम से बुलाए जाने की संभावना है। बता दें कि, पिछले हफ्ते ही अग्निपथ योजना को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलनी थी। लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वियतनाम दौरे के चलते इसे कैबिनेट से पास नहीं कराया जा सका था. लेकिन अब क्योंकि रक्षा मंत्री वियतनाम से लौट चुके हैं इसलिए मंगलवार को अग्निपथ योजना को लागू करने की पूरी तैयारी है। जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ, डिपार्मेंट ऑफ मिलिट्री एफेयरर्स ने सेना के नए रिक्रूटमेंट प्लान को तैयार किया है जिसे अग्निपथ का नाम दिया गया है। नई भर्ती योजना के तहत सेना में भर्ती होनें वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ का नाम दिया जाएगा।