राष्ट्रीय
वीवीआईपी पेड़ : पत्ता टूटे तो टेंशन में आते हैं अफसर
वीवीआईपी पेड़ का हर 15 दिन में मेडिकल चेकअप, सालाना लाखों का खर्च
सीएन, भोपाल। आपने अक्सर मंत्री या किसी सेलिब्रिटी की हाई एंड सेक्यूरिटी देखी होगी, लेकिन क्या कभी किसी पेड़ को सुरक्षा मिलने के बारे में सुना है. मध्य प्रदेश के रायसेन में एक ऐसा खास पेड़ है जिसकी 24 घंटे पहरेदारी होती है. यह पेड़ इतना स्पेशल है कि अगर एक पत्ता भी टूट जाए तो अफसरों की टेंशन बढ़ जाती है. इससे भी बड़ी बात यह है कि इस पेड़ का किसी इंसान की तरह मेडिकल चेकअप होता है. जानकार बताते हैं कि इस पेड़ को सांची में इस बोधिवृक्ष को साल 2012 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महेंद्रा राजपक्षे ने लगाया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी इस दौरान मौजूद थे. मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के वीवीआईपी पेड़की ठाठ का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसकी चौकसी करने 24 घंटे गार्ड मुस्तैद रहते हैं. इतना ही नहीं इसका हर 15 दिन में मेडिकल चेकअप कराया जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस खास पेड़ को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं भी हैं. इतना ही नहीं बौद्ध धर्म में इस पेड़ का खास महत्व भी है. कहते हैं कि इसी पेड़ के नीचे बैठ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ती हुई थी. वहीं सम्राट अशोक को भी शांति की खोज करने की प्रेरणी इसी पेड़ से मिली थी. इस खास बोधि वृक्ष को सुरक्षित रखने के लिए इसके चारों तरफ करीब 15 फीट ऊंजी जाली लगाई गई है. दिन रात इसकी पहरेदारी के लिए दो गार्ड तैनात रहते हैं. यह पेड़ इतना खास है कि अगर एक पत्ता भी टूट जाए तो अधिकारी दौड़ पड़ते हैं. सांची नगर परिषद, पुलिस, राजस्व और उद्यानिकी विभाग सभी मिलकर इस पेड़ के रखरखाव की जिम्मेदारी उठाता है. बताया जाता है कि इस पेड़ की सुरक्षा के लिए हर साल करीब 15 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं. हर 15 दिन में खाद की व्यवस्था की जाती है. डेली पानी डाला जाता है. यह बोधि वृक्ष रायसेन जिले के सांची बौद्ध यूनिवर्सिटी की पहाड़ी पर है. अगर इस पेड़ को सामान्य तौर पर देखा जाए तो यह किसी सामान्य पीपल के पेड़ की तरह दिखता है. लेकिन इसती बड़ी सुरक्षा और रखरखाव को देखकर लोग इसे वीवीआईपी पेड़ कहने लगे. इस पेड़ का अगर एक भी पत्ता टूट जाए तो इसकी रिपोर्ट भोपाल सरकार में हाई लेवल पर पहुंच जाती है. इसका एक पत्ता भी सूखने लगता है तो अफसरों को टेंशन बढ़ जाती है. इसलिए इसके खाद और पानी देनी की खास व्यवस्था की जाती है.