राष्ट्रीय
जब नेहरू के प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने पर देश के लोग सड़कों पर उतर आये
सीएन, दिल्ली। 18 फरवरी, 1958, जी हां इसी दिन देश के प्रथम एवं भारतीय लोकतंत्र के संस्थापक प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू ने प्रधान मंत्री पद से अपना त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने कठिन वक्त में 10 साल तक प्रधानमंत्री पद पर काम किया, काफी महत्वपूर्ण काम हुये भी, लेकिन मैं मानता हूं कि अब 10 साल बाद किसी और को मौका मिलना चाहिये। फलत: राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद उन्होंने हिमालय पर अपने लिये छ: महीने के विश्राम प्रवास की बुकिंग कर ली और वहां चले भी गये। यह खबर फैलते ही देश भर में लोग सड़कों पर निकल आये, हर ओर व्यापक एवं बड़े पैमाने पर हर जगह जन प्रदर्शन होने लगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों, सांसदों द्वारा प्रस्ताव पारित कर और बयान देकर उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग होने लगी। यहां तक कि अमेरिका और सोवियत संघ सहित कई देशों के राज्याध्यक्षों तक ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने का सुझाव देकर भारत का नेतृत्व जारी रखने की अपील की। देश के अखबार उनके इस्तीफे के खिलाफ व्यापक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जनमत की खबरों से भरे रह रहे थे। राष्ट्रपति ने भी इस्तीफा स्वीकार करने का निर्णय नहीं लिया। अंततः भारी और व्यापक जनमत के दबाव में नेहरू को अपना त्यागपत्र वापस लेना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने छ: महीने की जगह दो हफ्ते में वापस लौटकर फिर कामकाज फिर शुरू किया था।































































