राजनीति
चंदे की श्रेणी में भाजपा को 2206 दाताओं से कुल 545.545 करोड़ रुपये मिले
भाजपा को 2206 लोगों ने दिया 20 हजार से अधिक का चंदा, कांग्रेस, टीएमसी कमाई में पिछड़े
सीएन, नईदिल्ली। वित्तीय वर्ष 2020-21 में देश की राष्ट्रीय पार्टियों को 3753 लोगों ने 20 हजार या उससे अधिक की राशि का चंदा दिया है. यह राशि 593 करोड़ 75 लाख रुपये हो जाती है. चंदा मिलने के मामले में भारतीय जनता पार्टी सबसे आगे है. भाजपा की हिस्सेदारी अन्य सभी दलों को मिले 20 हजार या उससे अधिक के चंदे से लगभग चार गुना ज्यादा है. इसका मतलब यहां भी राष्ट्रीय स्तर की अधिकतर विपक्षी पार्टियों की जमानत जब्त मानी जानी चाहिए. नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने निर्वाचन आयोग को मिले पार्टियों की आय-व्यय के सालाना ब्यौरे के आधार पर विश्लेषण किया है. इस पर नजर डालें तो 20 हजार रुपये से ज्यादा राशि के चंदे की श्रेणी में भाजपा को 2206 दाताओं से कुल 545.545 करोड़ रुपये मिले हैं. इनमें 1111 लोग कारपोरेट सेक्टर से हैं जिन्होंने 416.794 करोड़ रुपये चंदा दिया है. 1071 दाताओं ने निजी तौर पर 60.37 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया. कांग्रेस की बात करें तो उसे 146 कारपोरेट दाताओं ने 35.89 करोड़ रुपये और 931 निजी दाताओं ने 38.63 करोड़ रुपये का चंदा दिया. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से बीजेपी, एनसीपी और कांग्रेस को कुल 216 करोड़ रुपये हासिल हुए.. इनमें बीजेपी को सबसे ज्यादा 209 करोड़ रुपये, एनसीपी को पांच करोड़ और कांग्रेस को दो करोड़ रुपये का चंदा मिला है. बसपा को लगातार 15वें साल एक भी व्यक्ति ने 20 हजार रुपये से अधिक का चंदा नहीं दिया. साथ ही बहुजन समाज पार्टी इकलौती ऐसी राष्ट्रीय पार्टी रही, जिसने बिल्कुल तय समय पर 9 सितंबर 2021 को ही अपने आय-व्यय का ब्यौरा निर्वाचन आयोग के हवाले कर दिया था. बता दें कि एनसीपी ने तय समय से 10 दिन बाद, टीएमसी ने 117 दिन बाद, सीपीएम ने 139 दिन बाद, एनपीईपी ने 137 दिन बाद, कांग्रेस ने 161 दिन बाद अपने आय-व्यय का लेखा-जोखा निर्वाचन आयोग के पास दाखिल किया. भाजपा लेट लतीफी में भी आगे रही और सर्वाधिक विलंब के साथ 164 दिन की देरी से दाखिल किया.