देहरादून
भाजपा का षड्यंत्र व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और सोशल मीडिया के माध्यम से देश के महान नेताओं का मूर्ति भजन–आरुषि
सीएन, देहरादून। पटेलनगर क्षेत्र में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता आरुषि सुंद्रियाल ने कहा की 1947 में भारत देश का प्रधानमंत्री बनना मतलब आत्महत्या करना, 400 करोड़ रूरल डेट, हर गांव में मरता किसान, ब्रिटेन यूएस यूएसएसआर सब ने पैसा देने से मना कर दिया। गेहूं भेजा वह भी कौनसा जो सूअर खाते हैं पीएल 480, उस परिस्थिति में वह आदमी देश की गद्दी पर बैठा है, और पहला फाइव ईयर प्लान चलाया एग्रीकल्चर को लेकर, उसी समय पर वह गाना आया था, मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती, जहां सोने का मतलब है गेहूं चावल, मोती का मतलब है रूई, और हीरा मतलब गन्ना जैसे तराशने के बाद उसकी कीमत बढ़ जाती है। इस देश में था क्या 1960स में गाना आया था मेरा जूता है जापानी यह पतलून इंगलिस्तानी सर पर लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, केवल दिल था भारत का और कुछ नहीं था, टेक्निकल असिस्टेंट जापान से, आर्थिक सहायता ब्रिटेन से, फॉरेन रिजर्व रूस से, दिल के सिवा कुछ अपना नहीं उस परिस्थिति में जो आदमी देश का प्रधानमंत्री बना और देश को ऐसी परिस्थितियों से बाहर निकाला। ऐसे महान नेताओं को बदनाम करने के लिए भाजपा अपनी अंदरूनी बैठकों मैं षड्यंत्र रचीती है इनकी बैठकों में इन्हें सिखाया पढ़ाया जाता है, कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के महान नेताओं का मूर्ति भंजन करना होगा। इसी दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा नरेंद्र मोदी को देश का दायित्व सौंपते हुए कहीं गई एक बात को भी जनता के बीच रखा जिसमें सन 2014 में मनमोहन सिंह मोदी को यह याद दिला रहे हैं कि हम उस समय से राजनीति में हैं जब देश चलाने के लिए केवल 15 दिन का पैसा था और भारत पीपीपी के मामले में दुनिया के सबसे आखरी पायदान पर था अब यह देश पीपीपी में दुनिया के तीसरे नंबर पर है। आरुषि सुंद्रियाल ने इस पर सीधे-सीधे भाजपा सरकार को विफल बताया है क्योंकि वह देश को तीसरे से दूसरे स्थान पर नहीं ला पाए। साथ ही उन्होंने कहा कि “भारत की अर्थव्यवस्था का जो हश्र मोदी ने कर दिया है। यह देखते हुए लगता है कि 2050 तक भी भारत पीपीपी में दूसरे स्थान पर नहीं आ पाएगा। मनमोहन सिंह देश का सोना इंग्लैंड में गिरवी रख कर 300 करोड़ रुपए भारत लाए थे और मात्र 300 करोड रुपए से उन्होंने देश में इतना विकास किया कि देश को पीपीपी के मामले में आखिरी पायदान से तीसरे नंबर तक ले आ, परंतु इस देश की जनता मनमोहन सिंह जी का महत्व नहीं समझ पाई।” कांग्रेस इस समय छोटी-छोटी जन सभाओं के माध्यम से जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने में लगी है। ऐसे में कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तरीय प्रवक्ता का देहरादून एक बस्ती में नुक्कड़ सभा आयोजित कर दिल छू लेने वाला भाषण देना उनके मेयर के प्रत्याशी के रूप में दावेदारी को भी दर्शा रहा है। कांग्रेस की इन नुक्कड़ सभाओं का जनता पर कितना असर होता है यह तो आने वाला चुनाव ही बताएगा।