देहरादून
नुक्ता-ए-नजर : यह नाटक तो देखा-दिखाया है, मुख्यमंत्री जी !
इंद्रेश मैखुरी, देहरादून। उत्तराखंड में भर्ती घोटालों के विरुद्ध चल रहे युवाओं के आंदोलन से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार जो कदम उठा रही है, वह आंदोलन से उठ रहे सवालों को हल करने की उसकी सदिच्छा को तो नहीं प्रदर्शित कर रहे हैं बल्कि इसके ठीक उलट साम-दाम-दंड-भेद, किसी भी तरह से आंदोलन को कुचल कर, उससे उठने वाले सवालों को खामोश करने का ही उसका इरादा दिखाई दे रहा है.
लंबे अरसे से युवा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और अन्य भर्तियों की धांधलियों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भर्ती परीक्षाएँ उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से कराने का ऐलान किया. लेकिन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग द्वारा 08 जनवरी 2022 को कराई गयी पटवारी भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया. यह गौरतलब है कि यूकेएसएसएससी से लेकर यूकेपीएससी तक पेपर लीक के आरोपों में फँसने वाले भाजपा के ही नेता-कार्यकर्ता हैं. बहरहाल भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और जांच के बाद ही परीक्षा हो, इस मांग के लिए चल रहे आंदोलन से निपटने के लिए उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने पहले दमन का सहारा लिया और अब छल का सहारा ले रही है. 08 फरवरी को देहरादून में गांधी पार्क के बाहर शांतिपूर्वक धरना दे रहे युवाओं को आधी रात में बलपूर्वक उठाने की कोशिश की गयी. इसके प्रतिवाद में 09 फरवरी को हजारों की तादाद में युवा सड़कों पर उतर आए.
युवाओं के प्रतिवाद से निपटने के लिए सरकार ने पुलिस बल का ही सहारा लिया, नतीजे के तौर पर लाठीचार्ज और पथराव की घटनाएं हुई. सरकार ने युवाओं के विरुद्ध मुकदमें और जेल का तरीका भी आजमा लिया. बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पँवार, लू शुन टोडरिया समेत 13 युवाओं के विरुद्ध 307 आईपीसी (हत्या का प्रयास) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके, उन्हें जेल भेज दिया. लेकिन युवाओं का आक्रोश तब भी कुचला नहीं जा सका. प्रदेश भर में युवाओं के प्रदर्शन शुरू हो गए और देहरादून में कचहरी स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक में युवाओं ने धरना शुरू कर दिया, जहां उत्तराखंड आंदोलनकारियों, देहरादून बार एसोसिएशन और राजनीतिक दलों का समर्थन भी उनको मिल रहा है. आंदोलन खत्म करने में नाकाम उत्तराखंड सरकार ने इस बीच आंदोलन से निपटने के लिए छल का रास्ता चुना. 11 फरवरी को राज्य सरकार के सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता देते कुछ युवाओं का फोटो डाला और लिखा कि बेरोजगार संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला.