चमोली
बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड के सीएम की दिल्ली उड़ान भरने के मायने
बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड के सीएम की दिल्ली उड़ान भरने के मायने
सीएन, देहरादून/भराड़ीसैण। उत्तराखंड राज्य की नियति ऐसी बन गई है कि विधानसभा के सत्र पूरी अवधि तक आयोजित नहीं हो पा रहे हैं। या कहें कि सत्र को हल्के में लिया जाता रहा है, या फिर विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सबसे आसान तरीका ये ही है कि सत्र को पूरी अवधि तक नहीं चलने दिया जाए। इस बार लग रहा है कि सत्र पूरी अवधि तक चलेगा, लेकिन सत्र के दूसरे दिन सीएम खुद नदारद रहेंगे। पिछले कुछ बजट सत्रों की बात करें तो अधिकांश समय से पहले ही निपटा दिए गए। पिछले शीतकालीन सत्र में तो विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष से सवालों से बचने के लिए सात दिन के सत्र को मात्र दो दिन में निपटा दिया। वर्ष 2021 में भी सत्र को बीच में छोड़ तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली चले गए थे। फिर वापस लौटे तो सीएम नहीं रहे और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस बार भी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में उत्तराखंड सरकार का वित्तीय वर्ष 23- 24 के लिए बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ 13 मार्च से शुरू हो गया है, जो कि 18 मार्च तक चलेगा। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अभिभाषण पढ़ा। इस बीच खबर ये आई कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार 13 मार्च की शाम दिल्ली पहुंच गए। सोमवार की दोपहर बाद वह भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन से देहरादून के लिए रवाना हुए, जहां से देर शाम वह दिल्ली चले गए। दिल्ली में वह मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में शामिल होंगे। हालांकि, दिल्ली में सीएम के दौरे की वजह बैठक बताई जा रही है, लेकिन ऐसा क्या है कि हर बार विधानसभा सत्रों को जल्द निपटाया जाता रहा है और विपक्ष के साथ पूरी चर्चा नहीं होती है। वहीं, इस बार दूसरे दिन ही सीएम धामी सत्र से नदारद नजर आएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सीमांत राज्यों के अवस्थापना विकास को लेकर बैठक में भाग ले रहे हैं। इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक शाम पांच बजे शुरू होनी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में उत्तराखंड के रामनगर में जी-20 के तहत विभिन्न देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के संबंध में भी चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री 15 मार्च को वापस गैरसैंण में भराड़ीसैंण विधानसभा भवन पहुंचेंगे। इसी दिन राज्य का बजट प्रस्तुत किया जाना है। वहीं, गैरसैंण में बजट सत्र के दूसरे दिन आज 14 मार्च मंगलवार को प्रश्नकाल और शून्य काल में विपक्ष सरकार को प्रश्नों के माध्यम से घेरने का प्रयास करेगा। ऐसे में मंत्रियों का इन प्रश्नों के जवाब देने के लिए किया गया होमवर्क ही उनके कार्य को दर्शाएगा। बीते विधानसभा सत्रों में मंत्री अमूमन अधूरे होमवर्क के कारण निशाने पर रहते हैं। इस बार सरकार ने सभी मंत्रियों को सभी प्रश्नों की पूरी तैयारी करने के साथ आने को कहा है। बजट सत्र के दौरान मंगलवार को नकलरोधी अध्यादेश व महिला आरक्षण विधेयक प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है। इस मसले पर विपक्ष सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। विशेष रूप से नकल रोधी अध्यादेश में अफवाह फैलाने पर दंडित किए जाने जैसे बिंदुओं पर विपक्ष मुखर है। इसके साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा होगी। मंगलवार को विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक भी होगी, जिसमें आगे का एजेंडा तय किया जाएगा। इसमें 15 मार्च को राज्य का वर्ष 2023-24 का बजट पेश करने समेत अन्य विषय निर्धारित किए जाएंगे।
पहले भी बजट सत्र को बीच में छोड़कर दिल्ली गए थे तत्कालीन सीएम
विधानसभा सत्रों को समय से कम अवधि में अचानक खत्म करने की परंपरा उत्तराखंड में नई नहीं है। वर्ष 2021 में उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक मार्च 2021 से 10 मार्च 2021 तक विधानसभा का बजट सत्र चलना था। अचानक छह मार्च को विधानसभा में बजट पारित कराने के बाद तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही सभी विधायक और मंत्री दिल्ली रवाना हो गए थे। उस समय पहले अफरा तफरी में बजट को पास किया जा रहा था। विपक्ष के हंगामे के चलते कुछ देर चर्चा की गई और आनन फानन बजट पारित कर दिया गया। साथ ही विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। हालांकि, तब भी सत्र चार दिन कम चला और विपक्ष यही आरोप लगाता रहा है कि महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार चर्चा से भागती रही। पिछले साल उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी सात दिन की बजाय मात्र दो दिन में निबटा दिया। इसके समाप्त होते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एमसीडी चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली का रुख कर दिया। ये सत्र 29 नवंबर 2022 से पांच दिसंबर तक देहरादून में प्रस्तावित था। इससे पहले ही 30 दिसंबर को ही सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही सभी विधायक और बीजेपी के नेता दिल्ली रवाना हो गए।