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वोटिंग से पहले ही अमेरिका में पड़ गये अर्ली वोटिंग सिस्टम से वोट, 6 करोड़ ने डाले वोट, आज आखिरी मतदान

वोटिंग से पहले ही अमेरिका में पड़ गये अर्ली वोटिंग सिस्टम से वोट, 6 करोड़ ने डाले वोट, आज आखिरी मतदान
सीएन, नईदिल्ली।
आज 5 नवंबर को अमेरिकी राष्टपति के चुनाव में वोटिंग होनी है। जो मतपत्रों से होग। इस बीच मेन वोटिंग डे से पहले भी वोटिगं शुरू हो गई थी। जिसमें 6 करोड़ से अधिक मतदान किया है। बचे मतदाता आज मतदान केन्द्रों में अपने मतों का प्रयोग मतपेटियों के माध्यम से करेंगे। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों की शुरुआत हो चुकी है आज 5 नवंबर को वोटिंग होनी है। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प मैदान में हैं। इस बीच एक खबर आई की अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में 6 करोड़ से अधिक लोगों ने अपना वोट डाल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का अहम हिस्सा कहा जाने वाला एक सिस्टम अर्ली वोटिंग है। जैसा की इसके नाम से ही जाहिर है अर्ली वोटिंग माने समय से पहले वोटिंग। अमेरिका के कई राज्यों में समय से पहले लोग वोट करते हैं। हर राज्य में वोटिंग के नियम अलग हैं। कुछ राज्य मेल-इन वोटिंग की सुविधा भी देते हैं। इस सुविधा के तहत वोटर्स को उनका बैलट पेपर भेजा जाता है। इस बैलट पेपर को उन्हें एक तय समय सीमा के भीतर वापस जमा करना होता है। वर्जीनिया जैसे राज्यों में वोटिंग से लगभग 2 हफ्ते पहले से ही अर्ली वोटिंग शुरु हो जाती है। अमेरिका में इस सिस्टम के कई फायदे भी गिनाए जाते हैं जैसे वो लोग जिन्हें वोटिंग डे पर कहीं जाना है, वो पहले से सफर में हैं या उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, इस सिस्टम की वजह से उन्हें भी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अधिकार मिलता है। एक और फायदा जो अर्ली वोटिंग से होता है वो ये है कि इसकी वजह से वोटिंग का परसेंट अधिक रहता है। जो व्यक्ति वोटिंग डे के दिन नहीं जा सकता वो पहले ही वोट डाल चुका होता है। इसकी वजह से दूसरे लोग भी वोट करने के लिए प्रेरित होते हैं। अर्ली वोटिंग की वजह से ही चुनावी एक्सपर्ट्स, राजनीतिक पार्टियों के लोगों को परिणामों का अनुमान लगाने में काफी हद तक सहजता महसूस होती है। उदाहरण के तौर पर देखें तो 2020 के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के होल्ड वाले क्षेत्रों में 70 प्रतिशत लोगों ने वोटिंग डे से पहले ही वोट डाल लिया था। वहीं रिपब्लिकन पार्टी के होल्ड वाले क्षेत्रों में वोटिंग से पहले अर्ली वोटिंग करने वाले लोग 50 प्रतिशत के आसपास थेण् 2020 में कुल वोटों के दो तिहाई वोट यानी लगभग 10 करोड़ वोटर्स ने अर्ली वोटिंग में ही अपना वोट डाला था। अर्ली वोटिंग के कई फायदे तो गिनाए जाते हैं। पर इस सिस्टम के हिस्से कुछ विवाद भी हैं। 2020 के चुनावों के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस सिस्टम में बड़ा फ्रॉड होने का दावा किया था। हालांकि ये आरोप कभी साबित नहीं हुए पर इसने अर्ली वोटिंग पर हो रही बहस को और हवा ज़रूर दी।


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