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जन मुद्दे

बथुआ  की सब्जी के साथ पराठे, पूरी व रायता प्रसिद्ध, यह एक अच्छा आहार भी

प्रो. ललित तिवारी, नैनीताल। बथुआ  की सब्जी के साथ पराठे तथा पूरी एवम रायता प्रसिद्ध है किंतु यह एक अच्छा आहार भी है। बथुआ को अंग्रेजी में  लैंब क्वार्टर तथा वाइल्ड स्पिनैच भी कहते है  ,संस्कृत  में  वास्तुके तथाइसका वैज्ञानिक नाम चीनूपोडियम  एल्बम तथा कुल  अमरंथासिया है। सब्जी और रायता के रूप में बथुआ लंबे समय से  खाया जाता रहा है,  पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए पलस्तर में बथुआ मिलाते थे। महिलायें सिर से  डैंड्रफ साफ करने के लिए बथुए के पानी से बाल धोया करती थीं। बथुए में कई गुण पाए जाते है इसमें  विटामिन और मिनरल्स हैंबथुआ विटामिन *B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C* से भरपूर है तथा बथुए मे कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं।100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43 कैलोरी होती है। जब बथुआ मट्ठा, लस्सी या दही में मिला दिया जाता है तो यह   ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है।  इसके साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इसे खाने का स्वाद बदल जाता है गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व आयरन की गोली बताई जाती है। बथुए में ये सब कुछ है। बथुआ पहलवानों से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए लाभकारी है। बथुआ का साग  गुर्दों में पथरी तथा  अमाशय को बलवान, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक एवम निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर  तथा काला नमक  एवम देशी घी के साथ गुणकारी है करें। बथुए का उबला हुआ पानी अच्छा लगता है। तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है।बथुए में जिंक होता है जो  शुक्रवर्धक होता है। बथुआ कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ करता है। बथुआ ताकत और स्फूर्ति बनाता । बथुआ गेहूं एवम मंसूर के साथ ज्यादा होता है तथा  बरसात एवम  शीत ऋतु  में होता है ।बथुये का रस,उबाला हुआ पानी  लीवर को भी ठीक कर देता है। पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर नित्य पिए तो पथरी  बाहर निकल आएगी। मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें,आधा रहने पर छानकर पी जाए, तुरंत लाभ होगा। आँखों में सूजन,लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ। पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें। बथुए को निचोड़कर पानी निकाल कर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें। स्वाद के लिए नींबू , जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक डाल लें और पी जाए। वर्तमान में बथुए को भी कोंधरा, चौलाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों को खरपतवार की श्रेणी में डाल दिया है। जो चिंतनीय है।

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