उत्तराखण्ड
बलियानाला : नाला नम्बर 54 से सटे हरिनगर के 55 परिवार भूस्खलन की जद में आये
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के भूवैज्ञानिक ने चार साल पहले सर्वे कर दी है रिपोर्ट
करोड़ों खर्च किया जा चुका पर भूस्खलन होना अभी जारी, सरकार की काहिली अब भी जारी
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सरोवर नगरी के अस्तित्व के लिए खतरा बन चुका बलियानाला में लगातार भूस्खलन जारी है। वैज्ञानिकों द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार यहां दरारें लगातार नैनीताल की ओर आ रही है। यदि अब भी इसे गंभीरता से नही लिया गया तो नैनीताल को बचा पाना मुश्किल हो जायेगा। इस साल फिर हरिनगर के नाला नम्बर 54 से सटे हरिनगर के 55 परिवार भूस्खलन की जद में आ गये है। जिन्हें प्रशासन ने अपने मकान खाली करने के नाेटिस थमा दिये है। कुछ लोगों ने घर छोड़ने भी शुरू कर दिये है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि क्षेत्र में स्थित नाला नंबर 54 के दाहिनी ओर बलियानाले से लगे क्षेत्र में स्थित आवासीय भवनों को खासा खतरा है, जबकि नाले के ऊपर बाईं और स्थित भवन सुरक्षित है। चार वर्ष पूर्व वैज्ञानिकों की टीम ने लगभग चार दर्जन भवनों का निरीक्षण कर भू-धसाव से झुके भवन तथा भवन में पड़ी दरारों का निरीक्षण किया। बलियानाला में इससे पूर्व भी आईआईटी रूड़की, आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ निरीक्षण कर खतरे से आगाह कर चुके है। नाले का निरीक्षण कर जापानी विशेषज्ञ भी जापानी तकनीक से भूस्खलन रोकने का सुझाव दे चुके हैं। बलियानाला में ट्रीटमेन्ट का कार्य चलने के बावजूद यहां भूस्खलन रूक पायेगा इस पर संशय बना हुआ है। वर्ष 1980 से बलियानाला में लगातार भूस्खलन रोकने के लिए करोड़ों रूपया खर्च किया जा चुका है। लेकिन भूस्खलन होना अभी जारी है। इससे सर्वाधिक खतरा नैनीताल शहर को पहुंच सकता है। वैज्ञानिकों के सुझावों के अनुसार अब शासन स्तर पर नई डीपीआर बना कर वृहद स्तर पर कार्य करने की योजना भी पृथक से बनाई जा रही है। मालूम हो कि तीन दशक से बलियानाला में लगातार भूस्खलन होने से नाले की पहाड़ियों में बसे बस्तियों हरिनगर, मल्ला कृष्णापुर, रहीश होटल क्षेत्र, कैलाखान, नई बस्ती आदि क्षेत्रों में रह रहे लोगों को खतरा बना हुआ है। इन दिनों यह खतरा और अधिक बढ़ गया है। प्रशासन ने असुरक्षित हो चुके रहीश होटल क्षेत्र के लोगों का विस्थापन भी कर दिया है। बलियानाला में भूस्खलन के कारण नैनीताल को खतरा लगातार बढ़ रहा है।
एमबीटी व लेक थ्रस्ट से बन रहा भूस्खलन का खतरा
नैनीताल। भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. बहादुर सिंह कोटलिया का कहना है कि बलियानाला से लेकर चोपड़ा तक मेन बाउंड थ्रस्ट गुजर रही हैं इससे भूगर्भीय हलचल जारी होने से यह क्षेत्र भूस्खलन प्रभावित बना हुआ है। बलियानाला में भूगर्भीय हलचल के कारण यहां की कच्ची प्लेंटें निरंतर गिर रही है। इसके अलावा नैनीताल शहर से लेक थ्रस्ट गुजरने के कारण भी शहर के कई स्थानों में भूगर्भीय हलचल बलियानाला में लगातार भू-कटाव होने के कारण लगभग तीन किमी पहाड़ी में पांच दशक से अधिक समय सेे भू-स्खलन हो रहा है। इस क्षेत्र से गुजर रहे ब्रेबरी मार्ग में कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं। बलियानाले के निचले जल बहाव क्षेत्र से भू-कटाव होने के कारण हरिनगर, जीआईसी परिसर सहित कैलाखान व नई बस्ती में भी प्रभाव पड़ रहा है।
डैंजर जोन में बसे लोग खौफ से जाग कर बीता रहे हैं रातें
नैनीताल। यहां भू-स्खलन प्रभावित बलियानाला के हरिनगर के समीप लगातार भू-स्खलन हो रहा है। खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने दो परिवारों को रात में जीआईसी आउट हाऊस में रहने को कहा है। भारी बरसात में सरोवर नगरी के भू-स्खलन प्रभावित बलियानाला के दोनों छोरों में बसी बस्तियों के ही नहीं बल्कि शहर के एक दर्जन डेंजर जोन स्थानों में इन दिनों लोग रातें जागकर बिता रहे हैं। बीते कुछ वर्षों से कई डैंजर जोन इलाकों में लगातार भूस्खलन की घटनायें हो रही है। इन इलाकों में बरसात शुरू होने के साथ ही प्रशासन घर खाली कराने का नोटिस लोगों को थमा देता है। इस बार भी प्रशासन ने ऐसा ही किया है। इन दिनों असुरक्षित इलाकों के लोग रात जाग कर बिता रहे है। मालूम हो कि भारी वर्षा के दौरान नैनीताल नगर के पिटरिया, मंगावली, मार्शल काटेज, रतन काटेज, सात नम्बर, शेर का डांडा, हरिनगर, धोबीघाट, स्टाफ हाउस, राजपुरा कंपाउंड, नारायणनगर, सूखाताल की पहाड़ी, चार्टन लांज सहित एक दर्जन स्थानों में लोगों की सांसे अटकी रहती है। आसमानी आफत के कारण शहर के इन क्षेत्रों को खतरा बढ़ता जा रहा है। हांलाकि कई स्थानों से लोगों का पुर्नवास होना था लेकिन प्रशासन आज तक लोगों का पुर्नवास नही कर सका है। बलियानाला में जहां जल रिसाव क्षेत्र में भूस्खलन हो रहा है। वही वर्षा थमने के बावजूद पहाड़ियों की ओर से भी भूस्खलन हो रहा है। भूस्खलन के कारण ब्रेबरी-नैनीताल मार्ग में दरारें आ गई है। यहां रह रहे एक दर्जन परिवारों को खतरा बरकरार है। इन दिनों वर्षा होने के बाद बलियानाला में लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां रह रहे लोगों को प्रशासन ने हर वर्ष की तरह घर छोड़ने के नोटिस दिये है।