जन मुद्दे
रक्षा मंत्रालय खरीद रहा स्वदेशी अस्त्र मिसाइलें, 2971 करोड़ का करार
अस्त्र एमके-आई मिसाइल आधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन तकनीक से लैस
सीएन, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र एमके-आई मिसाइलों और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए 2,971 करोड़ रुपये का अनुबंध किया। इन एयर-टू-एयर मिसाइलों को लड़ाकू विमानों के जरिए बिना दुश्मन के क्षेत्र में जाए ही उस पर दागा जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि मिसाइलों को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय नौसेना के लिए खरीदा जा रहा है। ‘अस्त्र एमके-आई बीवीआर एएएम’ को भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुरूप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, दृश्य सीमा से परे (बीवीआर) हवा से हवा में मारक क्षमता वाली ये मिसाइलें वायुसेना के लड़ाकू विमानों को मजबूती प्रदान करती हैं। अस्त्र एमके-आई मिसाइल और इसके प्रक्षेपण एवं परीक्षण के लिए सभी संबद्ध प्रणालियों को डीआरडीओ द्वारा भारतीय वायुसेना के साथ समन्वय स्थापित कर विकसित किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने 31 मई को अस्त्र एमके-आई बीवीआर हवा से हवा में मारक क्षमता वाली मिसाइलों की आपूर्ति के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।” अस्त्र एमके-आई मिसाइल आधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन तकनीक से लैस 100 किलोमीटर से अधिक सीमा तक पिन पॉइंट सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है।
भारतीय नौसेना इस मिसाइल को मिग-29 के फाइटर जैट में जोड़ेगी। वायुसेना इसे हल्के विमान से जोड़ेगी। यह पूरी तरह से सुखोई 30 एमके.1 लड़ाकू विमान में एकीकृत है। मिसाइलें दुश्मन के सामने खुद को उजागर किए बिना शत्रु दल के विमानों को बेअसर कर सकती है।