जन मुद्दे
जनवरी के शुरू में ही नैनी झील का जल स्तर 7.9 फीट पहुंचा
घटते जल स्तर के बावजूद जलागम क्षेत्रों से लाखों लीटर पानी का दोहन जारी
शासन प्रशासन कर रहा है महज चिन्ता, जमीनी योजनाएं कहीं नही
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। इस बार वर्षा ऋतु के बाद अब तक पर्याप्त वर्षा व बर्फवारी नही होने व लाखों लीटर पानी जलागम क्षेत्रों से दोहन करने के बाद जीवनदायिनी नैनी झील लगातार खतरे की ओर बढ़ रही है। जनवरी के शुरू में ही नैनी झील का जल स्तर 7.9 फीट पहुंच गया है। बरसात के दौरान झील का जलस्तर 11 फिट 9 इंच था। जो दो माह तक उच्चतम स्तर पर रहा। लेकिन इसके बाद तेजी से गिर रहा है। एक ओर नैनी झील का जल स्तर लगातार गिर रहा है। दूसरी ओर झील के जलागम क्षेत्रों से भूमिगत जल 11 नलकूपों से आठ लाख लीटर पानी रोजाना लगातार दोहन किया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले तीन-चार वर्षों से लगातार चल रहा है। लेकिन शासन प्रशासन महज चिन्ता ही प्रकट कर रहा है। जमीनी योजनाएं कहीं नही दिख रही है। तेजी से घट रहे जलस्तर नैनीताल के लिए सर्वाधिक चिन्ता का विषय बना हुआ है। इस बार जनवरी के पहलेे पखवाड़े में ही झील का जलस्तर सामान्य स्तर से 4 फीट नीचे चला गया है। चिन्ता यह है कि भीषण गर्मी के दौरान झील की हालत क्या होगी। इधर लगातार झील के जलागम क्षेत्रों से जल संस्थान लाखों लीटर पानी का रोजाना दोहन कर रहा है। लोगों का कहना है कि जल संस्थान को लगातार पानी का वितरण रोस्टर से ही करना होगा। रोस्टर के बावजूद झील की हालत दिन-पर-दिन जिस तरह खराब हो रही है। उससे गर्मियों में शहर की हालत दयनीय हो जायेगी। मालूम हो कि मानसून के बाद नैनीताल में लम्बे समय से वर्षा नही हुई है।इस बार अब तक बर्फवारी नही होने से हालात और चिन्ताजनक बनते जा रहे है। हालत यह है कि प्रमुख जलागम क्षेत्र सूखाताल पूरी तरह सूख चुका है। जलागम क्षेत्र से ही जल संस्थान नलकूपों से पानी खींच रहा है। वहीं अब तक पर्याप्त वर्षा व बर्फवारी नही होने से झील रिचार्ज नही हो रही है। बर्फवारी नैनी झील 40 प्रतिशत भूमिगत जल से तथा 60 प्रतिशत बरसात के जल से रिचार्ज होती है। झील के जल स्तर को सामान्य बनाने के लिए शीतकालीन वर्षा व पर्याप्त बर्फवारी जरूरी है। लेकिन इस बार अब तक ऐसा नही हो सका है। जानकारों की माने तो अगर अब भी पर्याप्त वर्षा व बर्फवारी नही हुई तो गर्मियों में जल संकट पैदा हो सकता है। इधर लगातार जलादोहन के बाद झील के जल स्तर पर भारी गिरावट आने के बाद भी सरकारी तंत्र पर कोई प्रभाव नही पड़ रहा है।
बलियानाला के पानी को लिफ्ट करना अब जरूरी: कोटलिया
नैनीताल। यूजीसी के भूगर्भशास्त्री डा. बहादुर सिंह कोटलिया का कहना है कि नैनी झील की सेहत अब गोष्ठियों व सुझावों से नही सुधरेगी। इसके लिए अब जमीनी कार्य करने होंगे। इसके लिए जहां जलागम क्षेत्रों को सख्ती से बचाना होगा वही झील को रिचार्ज करने के लिए अब बलियानाला से बह रहे जल स्रोत से पानी को लिफ्ट कर नैनी झील को रिचार्ज करना अब आवश्यक है। यदि यह पानी लगातार झील में आया तो एक बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। हरिनगर के ठीक नीचे भारी मात्रा में पानी बह रहा है। इसका उपयोग नही हो रहा है लिहाजा तत्काल इस पानी का उपयोग नैनी झील को रिचार्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। यदि जमरानी बांध बनता है तो इसकी डीपीआर में नैनी झील को रिचार्ज करने की पंपिंग योजना को भी शामिल किया जाना चाहिए।