जन मुद्दे
सभा प्रधान स्वामी आर्यवेश ने आर्य समाज मंदिर भवाली का निरीक्षण किया
आर्यसमाज मंदिर की समस्याओं के निराकरण हेतु पूर्ण आश्वाशन दिया, दिल्ली रवाना
सीएन, भवाली। शनिवार को आर्य समाज के सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश आर्य समाज मंदिर भवाली में अन्य राज्य स्तर के अन्य धार्मिक नेता के साथ उत्तराखंड के अन्य गुरुकुल आश्रमो का निरीक्षण करते हुए कुमाऊं के मुख्य द्वार पर स्थित आर्य समाज मंदिर पर कुछ समय रुक कर आर्य समाज मंदिर भवाली का निरीक्षण किया। आर्य समाज मंदिर भवाली के पदाधिकारियों नीरज सिंह अधिकारी नबीन चन्द्र आर्य एडवोकेट और अन्य पदाधिकारीयो ने आर्य समाज मंदिर की हर समस्या से अवगत कराया। सभा प्रधान स्वामी जी ने आर्यसमाज मंदिर के समस्याओं के निराकरण हेतु पूर्ण आश्वाशन दिया और पदाधिकारियों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया और जलपान किया। वह कौसानी से दिल्ली लौट रहे थे। इससे पूर्व कौसानी के अनासक्ति आश्रम में चल रहे सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के शिविर में प्रतिभाग किया। मुख्य अतिथि साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि आर्य प्रतिनिधि सभा विश्व का एकमात्र ऐसा संगठन है, जो धर्म, जाति, लिंग, देश-विदेश का भेदभाव नहीं करता है। संगठन विश्व के कल्याण के उद्देश्य से कार्य करता है। कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले 85 प्रतिशत लोग आर्य समाज के पैरोकार थे। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने चिंतन शिविर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिनिधि सभा हर वर्ष चिंतन शिविर का आयोजन करती है। इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनासक्ति योग धाम कौसानी में शिविर का आयोजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। कहा कि चिंतन शिविर में विचार-विमर्श कर भावी कार्यक्रम तय किए जाते हैं। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार मोहन चंद्र जोशी ने शिविर की सफलता की कामना की। शिविर के संयोजक एडवोकेट गोविंद सिंह भंडारी, स्वागताध्यक्ष भैरव नाथ टम्टा ने कहा कि शिविर में काफी अच्छे विचार सामने आ रहे हैं। उन्होंने शिविर संचालन में सहयोग दे रहे सभी लोगों का आभार जताया।