जन मुद्दे
पिथौरागढ़ के जन्नू दा ने लिखा उत्तराखंड झांकी में बैकग्राउंड गीत
पिथौरागढ़ के छोलिया दल ने उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका अदा की
सीएन, पिथौरागढ़/नईदिल्ली। समूचा उत्तराखण्ड इस समय खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ऐसा हो भी क्यों ना, कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित हुईं राज्य की इस वर्ष की झांकी को समूचे देश में पहला स्थान जो हासिल हुआ है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि में जहां इस झांकी को मानसखंड की थीम देने वाले अधिकारियों, झांकी को खूबसूरत ढंग से निर्मित करने वाले कलाकारों का अहम योगदान है वहीं झांकी में नजर आए पिथौरागढ़ के छोलिया दल ने भी इस उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका अदा की है। वहीं झांकी का बैकग्राउंड सांग, ‘जै हो कुमाऊं, जै हो गढ़वाल’ भी वाकई लाजबाव है जो राज्य के कुमाऊं मंडल को प्रदर्शित करती इस झांकी के बीच समूचे प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। अब जब तारीफों का दौर चल ही रहा है तो तारीफ उन की होनी चाहिए जिन्होंने इस खूबसूरत गीत को अपने शब्दों में पिरोया है। आज हम आपको पहाड़ के उन्हीं लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार से रूबरू कराने जा रहे हैं। जी हां… इस गीत के बोल वरिष्ठ रंगकर्मी जनकवि जनार्दन उप्रेती (जन्नू दा) ने लिखे हैं। बता दें कि मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के हुड़ेती गांव निवासी जनार्दन उप्रेती (जन्नू दा) अब तक 250 से अधिक गीतों की रचना कर चुके हैं। उनके लिखे इस गीत ‘ जै हो कुमाऊं, जै हो गढ़वाल..धारा नौला छन, गंगा छू गाड़ा, कतू भल लागू म्यर पहाड़ा..।’ को चांदनी इंटरप्राइजेज यूट्यूब चैनल के बैनर तले तीन महीने पहले ही रिलीज किया गया है। जिसे युवा गायिका ममता आर्या, गायक सौरभ मैथानी सहित कुल आठ लोगों ने अपनी मधुर आवाज दी है। बताते चलें कि इस गीत के निर्माता पहाड़ी दगडियां देहरादून है, जबकि इसका मनमोहक संगीत रणजीत सिंह ने दिया है। इस गीत की खूबसूरती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां इसे गणतंत्र दिवस परेड के थीम सांग के लिए चुना गया था वहीं करीब 3 लाख से अधिक लोगों द्वारा यूट्यूब पर भी इस गीत को देखा जा चुका है।