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राहत: जीवनदायिनी नैनी झील गेज में 12 फिट पर आया जलस्तर
बीते दिनों हुई वर्षा के बाद लबालब हुई झील, दो इंच पानी की निकासी जारी
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सितम्बर माह के अंत तक में मानक के अनुसार नैनी झील वर्षा जल से लबालब होनी चाहिए थी। लेकिन इस बार अक्टूबर प्रथम पखवाड़े में झील लबालब हुई है। बीते दिनों हुई वर्षा के बाद लबालब हुई झील से इन दिनों दो इंच पानी की निकासी जारी है। नियमानुसार झील से जल निकास के लिए गेटों को खोला गया है। दरअसल अंग्रेजी शासनकाल से चले आ रहे नियमों के अनुसार झील का जल 12 फिट जल स्तर आने के बाद लगातार पानी की निकासी की जाती है मानकों के अनुसार 12 फिट जलस्तर अंतिम स्तर माना गया है। शुक्रवार को नैनी झील का जल स्तर झील गेज में 12 फिट पर स्थिर था। मालूम हो कि प्राकृतिक रूप से नैनी झील वर्षा जल से 60 प्रतिशत व भूमिगत जल से 40 प्रतिशत रिर्चाज होती है। इस साल सितम्बर में नैनी झील का जलस्तर चिन्ताजनक चार फिट नीचे ही था। लेकिन अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े में अचानक लगातार हुई वर्षा के बाद झील लबालब हो गई। इस वर्ष जनवरी माह में ही झील का जल स्तर लगातार घटने लगा। इन दिनों जल निकासी होने के बाद पानी का शुद्धिकरण भी हो सकेगा।
जलस्तर 12 फिट आने के बाद ही झील से होगा पानी का निकास
नैनीताल। नैनी झील की निगरानी कर रहे सिंचाई विभाग के रमेश सिंह गैड़ा का कहना है कि अंग्रेजी शासनकाल से चले आ रहे नियमों के अनुसार झील का जल स्तर 10 फिट पहुंचने पर झील के गेट खोल कर इसकी जल निकासी की जाती है। इसके बाद सितम्बर माह के मध्य तक झील का जल स्तर 11 फिट पहुंचने पर जल निकास की कार्रवाई की जाती है। 12 फिट जल स्तर आने के बाद लगातार पानी की निकासी की जाती है। मानकों के अनुसार 12 फिट जलस्तर अंतिम स्तर माना गया है। लेकिन इस बार झील का जल स्तर कम रहने के कारण सितम्बर माह में जल निकासी नही की जा सकी। अक्टूबर प्रथम पखवाड़े में अचानक हुई चार दिन की बारिश से झील लबालब हो गई। शुक्रवार को नैनी झील का जल स्तर झील गेज में 12 फिट पर स्थिर था। इस बार स्थिति संतोषजनक मानी जा रही है। इस बार प्रचलित नियमों के बजाय झील के पूर्ण जलस्तर 12 फिट आने के बाद ही झील के गेटों को खोला गया है। दो इंच पानी की निकासी की जा रही है। इस वक्त झील बिना वर्षा के बाद लगातार भूमिगत पानी से रिचार्ज भी हो रही है।
बलियानाला के पानी को लिफ्ट करना अब जरूरी: कोटलिया
नैनीताल। यूजीसी के भूगर्भशास्त्री डा. बहादुर सिंह कोटलिया का कहना है कि नैनी झील की सेहत अब गोष्ठियों व सुझावों से नही सुधरेगी। हर बार गर्मियों में झील का जल स्तर कम होना चिन्ता का बिषय है। इसका स्थाई समाधान निकाला जाना चाहिए। इसके लिए अब जमीनी कार्य करने होंगे। इसके लिए जहां जलागम क्षेत्रों को सख्ती से बचाना होगा वही झील को रिचार्ज करने के लिए अब बलियानाला से बह रहे जल स्रोत से पानी को लिफ्ट कर नैनी झील को रिचार्ज करना अब आवश्यक है। यदि यह पानी लगातार झील में आया तो एक बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। हरिनगर के ठीक नीचे भारी मात्रा में पानी बह रहा है। इसका उपयोग नही हो रहा है लिहाजा तत्काल इस पानी का उपयोग नैनी झील को रिचार्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। यदि जमरानी बांध बनता है तो इसकी डीपीआर में नैनी झील को रिचार्ज करने की पंपिंग योजना को भी शामिल किया जाना चाहिए।