जन मुद्दे
पर्यटक अब रोपवे से पहुंच सकेंगे बाबा केदारनाथ धाम, सीएम धामी करेंगे शिलान्यास
सीएन, रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए बेहद अच्छी खबर है। बाबा केदारनाथ धाम के लिए जल्द रोपवे का शिलान्यास होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि हेमकुंड साहिब के लिए भी रोपवे का शिलान्यास किया जाएगा। सीएम का कहना है कि लगातार श्रद्धालुओं की तादाद केदारनाथ धाम में बढ़ रही है। ऐसे में अभी दो तरह से ही श्रद्धालु वहां पहुंचते हैं। पहला श्रद्धालुओं का जत्था पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचता है। वहीं, कुछ श्रद्धालु हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंचते हैं। अब आने वाले समय में रोपवे की व्यवस्था होने जाने से यात्रियों को काफी सहूलियत हो जाएगी। दरअसल, केदारनाथ धाम की यात्रा को सुगम बनाने के लिए तीसरे विकल्प के तौर पर रोपवे का शिलान्यास किया जाएगा। इससे आसानी से श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच सकेंग।. सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि रोपवे का डीपीआर तैयार हो चुका है और जल्द ही यह बनकर तैयार हो जाएगा। दरअसल, भारी तादाद में श्रद्धालु केदारनाथ धाम बिना किसी परेशानी के पहुंच सकेंगे, उस दिशा में सरकार लगातार बेहतर कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हेमकुंड साहिब के लिए भी अब रोपवे तैयार किया जा रहा है। क्योंकि जिस तरह से श्रद्धालुओं की तादाद हेमकुंड साहिब में भी आ रही है। उसके मद्देनजर यात्रा को सुगम बनाने के लिए काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में दोनों तीर्थ स्थानों केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में रोपवे का शिलान्यास किया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि इस साल चार धामों की यात्रा में 29 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आए हैं। उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा में जिस तरह से श्रद्धालुओं की तादाद में इजाफा हुआ है, उसके मद्देनजर बुनियादी व्यवस्थाओं को विकसित करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि आने वाले दिनों में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की सुविधाओं को विकसित करने के लिए सरकार और भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम करेगी। उनका कहना है कि केदारनाथ धाम में जिस तरह से श्रद्धालु पहुंच रहे। ऐसे में सरकार कई तरह का कदम उठाने जा रही है, ताकि श्रद्धालु आसानी से इन तीर्थ स्थानों में पहुंच सके। सीएम का कहना है कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश के अन्य पौराणिक मार्गों के बारे में भी विचार मंथन कर रही है। करीब 11 किमी लंबे इन रोपवे के अस्तित्व में आने से गौरीकुंड से केदारनाथ तक का सफर एक घंटे में तय हो जाएगा, जबकि अभी तक इस दूरी को पैदल नापने में सात घंटे लगते हैं। हालांकि हेलीकॉप्टर इसका विकल्प है, लेकिन किराया अधिक होने के कारण कई यात्री इसे वहन करने में सक्षम नहीं हैं। रोपवे बनने से श्रद्धालुजन किसी भी मौसम में आसानी से और रियायती दर पर बाबा केदार के दर्शनों को पहुंच सकेंगे। दरअसल, 2013 में आई आपदा के बाद केदारपुरी के लिए रोपवे निर्माण की मांग ने जोर पकड़ा। 2014 में तत्कालीन सरकार ने दो चरणों में रोपवे की मंजूरी देने के साथ ही 80 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया।