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उत्तरकाशी

उत्तरकाशी के कमद गांव में निकलती है प्रभु श्री राम जी की बारात

लोकेन्द्र सिंह बिष्ट, उत्तरकाशी। आज बात करते हैं प्रभु श्री राम जी की बारात। जी हां सुनने व देखने मे जरूर अटपटा लगेगा लेकिन यही सत्य है। उत्तरकाशी के कमद गांव में रामलीला आयोजन में श्रीराम सीता जी के स्वयम्बर में बाकायदा प्रभु श्रीराम जी की बारात निकलती है वो भी गाजे बाजों व 30 से 40 घोडों के साथ। प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण जी व सभी बारातियों के लिए घोड़ों की व्यवस्था होती है। बारात रामलीला स्थल से गांव के किसी भी घर मे जाती है। लेकिन जिस घर मे जाती है वह पहले आए ही तय होता है। मुझे वही प्रभु श्रीराम जी की बारात में मेहमान यानी बाराती बनने का सौभाग्य मिला। जी हां आप सबको हैरानी हो रही हो रही होगी लेकिन ये सत्य है, विचित्र है किंतु सत्य, आज आप सब दोस्तों को ले चलते हैं भगवान श्री राम जी की बारात में। सुनने में जरूर अटपटा लगेगा लेकिन ये सत्य है, अद्भुत है, अकल्पनीय भी है। उत्तराखंड के अधिकांश गावों में आजकल रामलीला का आयोजन चल रहा है। हमारे उत्तरकाशी के गाजणा क्षेत्र के ग्रामसभा कमद में आदर्श रामलीला समिति कमद के द्वारा आजकल श्री रामलीला का आयोजन किया जा रहा है।
मुझे भी इस रामलीला में हिस्सा लेने का निमंत्रण समिति द्वारा व छोटे भाई कैलाश नेगी के द्वारा दिया गया था।।
आज जब मैं कमद गया तो भगवान श्री राम जी की बारात सज चुकी थी। जी हां, इस क्षेत्र में परंपरा है कि प्रभु श्री राम जी की बारात भी अन्य शादी समारोह की ही तरह होती हैं।
प्रभु श्री रामजी यानी दूल्हे होते हैं और बाकी लोग बाराती। बारात बाकायदा गाजे बाजों ढोल नगाड़ों के साथ सज धजकर गांव के किसी परिवार के घर तक जाती है। प्रभु श्री राम के साथ साथ बारातियों के लिए भी घोड़ों की भी व्यवस्था होती है।।
बारात भी नाचते गाते सीता माता को लेने जिस घर मे जाती है, उस घर के लोग भी पूरी परंपरा रीति नीति रिवाज के साथ बारात का स्वागत करते हैं। चाय पानी, तिलक पीठाईं, मंत्रोच्चार के साथ प्रभु श्री राम की शादी सम्पन्न होती है। बारातियों के लिए भोजन की व्यवस्था होती है। इस शादी में हजारों लोग शिरकत करते हैं। इस सबके बाद बारात दुल्हन यानी माता सीता को लेकर वापिस लौटती है। तो आप लोग भी इस बारात में बाराती बनकर आनंद लेने की लिए उत्तरकाशी के ग्राम कमद की इस आनोखी, अनूठी, अद्भुत, अकल्पनीय औऱ आलौकिक रामलीला का और शामिल हो सकते हैं। प्रभु श्री राम जी की बारात में बाराती बनकर, बिल्कुल मेरी तरह, लेकिन आपको समय से पहले आना होगा तभी जाकर आप घोड़े में बरती मेहमान बनकर जा सकते हैं अन्यथा पैदल ही दूसरे बारातियों की तरह नाचते गाते जाना पड़ेगा। दरअसल घोड़ों की संख्या निश्चित होती है।

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