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इस बार रक्षाबंधन कब ? पूर्णिमा तिथि और भद्राकाल के कारण है असमंजस
इस बार रक्षाबंधन कब ? पूर्णिमा तिथि और भद्राकाल के कारण है असमंजस
सीएन, नईदिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के आपस में स्नेह और प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधते हुए उनकी आरती करते हुए भगवान से भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बहन के राखी बांधने के बदले में भाई सदैव उनकी रक्षा करने का वचन देता है। इस वर्ष राखी के त्योहार की तिथि को लेकर लोगों के बीच में बहुत ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ ज्योतिषाचार्य रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को बता रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को मनाने की सलाह दे रहे हैं। इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का साया भी मौजूद रहेगा। राखी 11 अगस्त को बांधे या फिर 12 अगस्त को, राखी बांधने का कौन सा शुभ मुहूर्त रहेगा? इस विषय में मोटे तौर पर कहा जाए तो आप अपनी सुविधा एवं आस्थानुसार, दोनों दिन भी यह पर्व मना सकते हैं। ज्योतिषीय एवं विभिन्न ग्रंथों में दिए गए नियमों के अनुसार हम इसे स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे। दिवाकर पंचांग के अनुसार 11 अगस्त, गुरुवार को चंद्रमा मकर राशि एवं भद्रा पाताललोक में होने से भद्रा का परिहार होगा। अतः गुरुवार को भद्रा के बाद प्रदोषकाल में रात्रि 18 बजकर 20 मिनट से लेकर 21 बजकर 50 मिनट तक रक्षाबंधन मनाना चाहिए। परंतु उत्तर भारत में उदय-व्यापिनी पूर्णिमा के दिन,प्रातःकाल को ही यह त्योहार मनाने का प्रचलन है। अतः 12 अगस्त,शुक्रवार को उदयकालिक पूर्णिमा में भी राखी बांध सकते हैं। इस साल सावन मास की पूर्णिमा 11 अगस्त को 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है। इसी समय से भद्रा भी लग रही है जो रात 08 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं। इसके बाद भद्रा समाप्त होने पर रात 08 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 49 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। लेकिन हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार,सूर्यास्त के बाद राखी बांधना वर्जित है। इस कारण से 12 अगस्त को राखी का त्योहार शुभ माना जा रहा है।11 अगस्त पूर्णिमा को चंद्रमा मकर राशि का होने के कारण भद्रावास स्वर्ग में है अर्थात शुभ फलदायी है और यह दिवस पूर्णतया रक्षा बंधन मनाने योग्य है। 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक ही है, इसीलिए रक्षा बंधन 11 अगस्त, बृहस्पतिवार को लगभग सुबह 9.30 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि लगने के उपरान्त ही मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार जब भद्रा का वास मृत्युलोक (पृथ्वीलोक) में होता है तभी केवल वह अशुभ माना जाता है।पाताल लोक अथवा स्वर्गलोक की भद्रा का वास शुभ फलदायी होता है।


































