उत्तराखण्ड
आम चुनाव में सोशल मीडिया पर 100 साइबर कमांडो 24 घंटे रखेंगे पैनी नजर
सीएन, देहरादून। आम चुनाव में सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर है। इसके लिए 100 साइबर कमांडो 24 घंटे सोशल मीडिया पर नजर रख रहे हैं। इन साइबर कमांडो ने अब तक हजारों ऐसे मैसेज और मीडिया फाइल को डिलीट कराया है, जो भविष्य में चुनाव प्रभावित कर सकती हैं। इसी तरह सैकड़ों सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की जा रही है। जांच के बाद इन अकाउंट को ब्लॉक कराने के साथ-साथ संबंधित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। दरअसल, बीते एक दशक से हर चुनाव में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रहती है। राजनीतिक पार्टियां और उनके समर्थक इसका भरपूर प्रयोग करते हैं। लेकिन, सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से मैसेज होते हैं, जो चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो ध्रुवीकरण के जिम्मेदार होते हैं। इससे किसी एक राजनीतिक पार्टी को लाभ और अन्य दलों को नुकसान होने का खतरा रहता है। ध्रुवीकरण के कारण समाज में वैमनस्य फैलने का भी भय रहता है। इन्हीं सब पर नजर रखने को अबकी पुलिस की ओर से बड़े इंतजाम किए गए हैं। चुनाव के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एकीकृत टीम एसटीएफ और साइबर थाने के अंतर्गत काम कर रही है। सभी 13 जिलों में पुलिस की साइबर सेल को भी सोशल मीडिया की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है। वर्तमान समय में पूरे प्रदेश में 100 साइबर कमांडो हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय में इस टीम के प्रतिदिन के कार्य की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के भारतीय अधिकारियों को पत्र भेजकर चुनाव की संवेदनशीलता की जानकारी दी गई है। इसमें इन कंपनियों से कहा गया कि वह पुलिस की रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई करते हुए भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के अकाउंट को तत्काल ब्लॉक करें। इसके लिए दिल्ली और मुंबई के कई दफ्तरों से उत्तराखंड पुलिस को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया है। देशभर में चुनावी माहौल को लेकर गृह मंत्रालय की आईफोरसी (इंडियन साइबर क्राइम कंट्रोल एंड कोऑर्डिनेशन) यूनिट भी इस दिशा में एक्टिव हो चुकी है। पुलिस के अनुसार, आईफोरसी चुनाव के लिए फेक वायरल मैसेज और डीप फेक को सोशल मीडिया से हटाने को साइबर एक्सपर्ट की एक विशिष्ट टीम बनाई है। इनकी जिम्मेदारी होगी कि जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई गलत कंटेंट डालेगा, तो उसे सर्विस प्रोवाइडर को सूचित करके हटवा दिया जाएगा।