उत्तराखण्ड
सरकारी विभाग में तैनात प्रशासनिक अधिकारी शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए, मुकदमा दर्ज
सीएन, देहरादून। राजधानी देहरादून में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सिंचाई विभाग उत्तराखंड में तैनात प्रशासनिक अधिकारी शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। विभाग की ओर से इस मामले में कैंट कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक अंशुल गोयल, निवासी नींबूवाला गढ़ी कैंट वर्तमान में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कॉलोनी देहरादून में कार्यरत थीं। उनकी नियुक्ति वर्ष 2009 में मृतक आश्रित कोटे के तहत कनिष्ठ सहायक के रूप में हुई थी। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब विनीत अग्रवाल नामक व्यक्ति ने उनके दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाते हुए शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद विभाग ने एक जांच समिति गठित की। समिति ने उनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की राजकीय इंटर कॉलेज पटेलनगर और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर से जांच कराई। जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि जिस वर्ष (2001) में अंशुल गोयल ने पढ़ाई का दावा किया, उस वर्ष उनके नाम की कोई भी छात्रा संस्थान में पंजीकृत ही नहीं थी।करीब 16 साल तक फर्जी दस्तावेजों के दम पर अफसर बनी रहीं अंशुल गोयल का यह राज़ अब खुल चुका है। विभाग ने मामला दर्ज कर पुलिस को आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंप दी है।
