उत्तराखण्ड
बनभूलपुरा में विरोध का अनूठा तरीका अपनाया, बस्ती बचाने को बाल सत्याग्रह शुरू
सीएन, हल्द्वानी। अतिक्रमण की जद में आ रहे बनभूलपुरा की जनता ने विरोध का अनूठा तरीका अपनाया है। बस्ती बचाने के लिए बाल सत्याग्रह शुरू किया गया है। इसके तहत सोमवार को बस्ती बचाओ संघर्ष समिति की अगुवाई में गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती के परिवार अपने बच्चों के साथ बुद्धपार्क पहुंचे और घरों को टूटने से बचाने के लिए धरना दिया। बाल सत्याग्रह को विभिन्न संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। बाल सत्याग्रह के दौरान वक्ताओं ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर रेलवे प्रशासन घरों, स्कूलों और स्कूल आदि तोड़ना चाहता है। 2017 में मांगी गई सूचना के तहत रेलवे ने यह स्वीकार किया था कि उसके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठना जायज है कि जब जमीन पर रेलवे का मालिकाना हक ही नहीं है तो अब वह इसी जमीन पर अवैध् कब्जा क्यों बता रहा है। लोग यहां पर कई दशकों से निवास कर रहे हैं। सरकार की ओर से उन्हें कई सुविधाएं दी गई है, अब सरकारी योजनाओं को दरकिनार कर उन्हें उजाड़ने की साजिश रची जा रही है। घर स्कूल कॉलेज अगर टूट जाएंगे तो हम कहां जाएंगे। इस संबंध् में सरकार को भी संज्ञान लेना चाहिए और यहां पर बसे हुए लोगों को न्याय दिलाने का काम करना चाहिए। वक्ताओं का कहना था कि सरकार का काम लोगों को बसाना है ना कि उन्हें बेघर करना। रेलवे प्रशासन द्वारा बनभूलपुरा में जिस तरह से घरों को तोड़ने की तैयारी की जा रही है वह गैर कानूनी है। बनभूलपुरा क्षेत्र में कई शिक्षण संस्थाएं हैं, अस्पताल हैं और कई धार्मिक स्थल हैं, लेकिन इन पर अब बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। बाल सत्याग्रह कार्यक्रम को पछास, प्रगतिशील महिला मंच समेत कई संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। कार्यक्रम का संचालन कक्षा 7 के अनुराग व कक्षा 12 की आलिया ने किया। इस मौके पर टीआर पांडे, महेश, रजनी जोशी, जमील कुरैशी, रफीक, प्रकाश, नसीम, शहजाद, खलील सिद्दीकी, अल्तमस, आलिया, परवीन, आफताब, शाहनाज, चंदन, शेखर, रहीस, इंक्लाबी मजदूर केंद्र के दिनेश भट्ट, शहनाज, अफ़सरी, आरती, खात्मा, फरजाना, नाजमा, मिराज, निशा, अमीना, साबरा, रईस अहमद, इन्द्रानगर जन विकास समिति के तस्लीम अंसारी, रियासत, उमेश आदि ने भागीदारी की।