उत्तराखण्ड
एचसी ने सूखे पत्ते जलाने पर मेधा के पत्र का लिया स्वतः संज्ञान
हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार सहित नगर पालिका से मांगा जवाब
सीएन, नैनीताल। उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने नैनीताल में स्थानीय लोगो व सफाई कर्मचारियों द्वारा बांज के पत्ते जलाए जाने को लेकर मुख्य न्यायधीश को प्रेषित पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार, राज्य सरकार, कलेक्टर नैनीताल व नगर पालिका परिषद नैनीताल से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेस करने को कहा है। मामले के अनुसार मेधा पांडे विधि की छात्रा दिल्ली विस्वविद्यालय ने 23 मार्च को मुख्य न्यायधीश को पत्र प्रेषित किया था जिसका कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश ने इन री ओपन बर्निंग ड्राईओक लीव्स के नाम से जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया। नैनीताल बांज के जंगल से घिरा हुआ है। जिसकी सूखी हुए पत्तियाँ सड़क, गलियों, छतों में गिरती रहती है। स्थानीय लोग व सफाई कर्मचारी रोड, गलियों छतों को साफ करते समय इनको जलाते है। जिसका प्रभाव यहाँ के पर्यावरण व अस्वस्थ्य लोगो पर पड़ रहा है। लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए। पत्र में उनके द्वारा यह भी कहा गया बांज की पत्तियां बहुत ही उपयोगी है। इसे न जलाकर इसकी खाद बनाई जा सकती है और ये पत्तियां जमीन की नमी को बनाई रखती है इनके नीचे कई प्रकार के कीड़े साँप आदि रहते है।