उत्तराखण्ड
भाजपा का 10 जिला पंचायतों में कब्जा, नैनीताल में हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर होगा मतदान
सीएन, देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर अपना वर्चस्व साबित किया है। राज्य के 10 जिलों में भाजपा ने जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में केवल देहरादून की एकमात्र सीट आई है। नैनीताल जिले का परिणाम फिलहाल लंबित है और हरिद्वार में पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं।.नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के मतदान के दौरान सदस्यों के अपहरण की घटना के बाद बवाल शुरू हो गया। कांग्रेस इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने पुलिस व जिला प्रशासन को फटकार लगाते हुए सदस्यों को सुरक्षित लाने व दुबारा मतदान कराने के आदेश दिये हैं। मुख्य न्यायाधीश जी नरेन्द्र व न्यायाधीश आलोक महरा की खंडपीठ में 18 अगस्त को फिर सुनवाई होगी। बीते गुरुवार को सुबह 10 बजे से प्रदेश के 12 जिलों में ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत उपाध्यक्ष और सात जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मतदान शुरू हुआ, जो दोपहर 3 बजे तक संपन्न हुआ। नैनीताल में मतदान के दौरान कुछ विवाद सामने आए, जिस कारण मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इसी वजह से वहां का परिणाम अभी घोषित नहीं हो पाया है। इससे पहले पांच जिलों में भाजपा के प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे। मतदान के बाद जिन छह जिलों में परिणाम आए, उनमें से पांच में भाजपा ने जीत हासिल की। देहरादून में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की, जो पार्टी के लिए राहत की एकमात्र खबर रही। टिहरी से इशिता सजवाण (भाजपा), यूएस नगर अजय मौर्य (भाजपा), चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी (भाजपा) पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद (भाजपा), उत्तरकाशी से रमेश चौहान (भाजपा), चमोली से दौलत सिंह बिष्ट (भाजपा), अल्मोड़ा हेमा गैड़ा (भाजपा), रुद्रप्रयाग से पूनम कठैत (भाजपा), पौड़ी से रचना बुटोला (भाजपा), बागेश्वर से शोभा आर्या (भाजपा), देहरादून से सुखविंदर कौर (कांग्रेस) ने चुनाव जीता है।इस परिणाम के साथ प्रदेश में जिला पंचायतों पर भाजपा की पकड़ और मजबूत हुई है। नैनीताल के नतीजों पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।
