उत्तराखण्ड
चमोली के डीएम डा. संदीप तिवारी ने डॉ. पूजा से सादगी के साथ की भगवान गोपीनाथ मंदिर में शादी
चमोली के डीएम डा. संदीप तिवारी ने डॉ. पूजा से सादगी के साथ की भगवान गोपीनाथ मंदिर में शादी
सीएन, चमोली। जहां आमतौर पर शादियों को भव्यता दिखावे और शानो-शौकत से जोड़कर देखा जाता है वहीं उत्तराखंड के चमोली जिले के जिलाधिकारी डॉक्टर संदीप तिवारी की सादगीपूर्ण शादी इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। मालूम हो कि डीएम डा. संदीप तिवारी इससे पूर्व नैनीताल के सीडीओ, उत्तरकाशी के डीएम भी रह चुके है। डीएम संदीप तिवारी ने हाल ही में डॉक्टर पूजा से सादगी के साथ विवाह किया। उन्होंने न तो कोई भव्य आयोजन किया और न ही किसी विशेष तामझाम की व्यवस्था। बल्कि अपने व्यस्त प्रशासनिक दायित्वों के बीच समय निकालते हुए सामान्य रीति.रिवाजों के साथ विवाह की रस्में निभाईं और भगवान गोपीनाथ के आशीर्वाद के साथ वैवाहिक जीवन की शुरुआत की। उनकी पत्नी डॉक्टर पूजा हल्द्वानी के तीनपानी क्षेत्र की निवासी हैं और वर्तमान में सुशीला तिवारी अस्पताल में ईएनटी विभाग में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डॉक्टर संदीप तिवारी की यह सादगी और संवेदनशीलता लोगों को खूब पसंद आ रही है। पहले से ही अपने कर्तव्यनिष्ठ और जनहितैषी कार्यों के कारण जनता के बीच लोकप्रिय डीएम ने इस सरल आयोजन से एक बार फिर दिल जीत लिया है। प्रदेश के सबसे मेहनती और ईमानदार आईएएस अधिकारियों में गिने जाने वाले डॉक्टर संदीप तिवारी अक्सर अपने प्रशासनिक कार्यों में नवाचार, तत्परता और जनसेवा की भावना के लिए चर्चा में रहते हैं। अब उनकी निजी जिंदगी का यह अध्याय भी समाज के लिए एक मिसाल बन गया है कि सादगी ही असली शान होती है। मालूम हो कि हाल ही में आबकारी विभाग में पाई गई अनियमितताओं पर उनकी त्वरित और कठोर कार्रवाई ने साबित कर दिया कि जनता को ऐसे ही कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारियों की जरूरत है। डीएम संदीप तिवारी ने न केवल भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया बल्कि यह भी संदेश दिया कि सरकारी तंत्र में लापरवाही और अनियमितता के लिए कोई जगह नहीं है। उनकी सक्रियता से साफ हो गया है कि वह जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता के बीच उनकी छवि एक निडर, ईमानदार और कर्मठ अधिकारी की बन चुकी है। चमोली जैसे दुर्गम जिले में पारदर्शी प्रशासन की यह पहल न केवल एक मिसाल है बल्कि अन्य जिलों के अधिकारियों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है। ऐसे अधिकारी ही एक सुशासन की नींव रखते हैं और जनता को उन पर गर्व है!
