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शादी शामिल होने उत्तराखंड पहुंचे सीएम योगी, 2 दिन बाद लौटेंगे राजधानी

शादी शामिल होने उत्तराखंड पहुंचे सीएम योगी, 2 दिन बाद लौटेंगे राजधानी
सीएन, देहरादून।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर अपने पैतृक राज्य उत्तराखंड पहुंचे हैं। गुरुवार की सुबह वह देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उनका स्वागत उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और प्रेमचंद्र अग्रवाल ने किया। यहां से वह हेलिकॉप्टर के माध्यम से यमकेश्वर के तल्ला बनास गांव पहुंचे। यहां मां गढ़वासिनी मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। इसके साथ ही तल्ला बनास के ग्रामीणों के साथ रुद्राक्ष के पौधे भी लगाए। महायोगी गुरु गोरखनाथ डिग्री कॉलेज में 100 फीट तिरंगा पार्क का अनावरण करेंगे। योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड दौरे का मुख्य कारण उनकी भतीजी की शादी है। काफी लंबे समय बाद खुशी के मौके पर वह अपने पैतृक गांव पहुंचे हैं। वह दो दिन तक पचूर गांव में रहेंगे। शाम को योगी आदित्यनाथ अपनी भतीजी की मेहंदी कार्यक्रम में शामिल होंगे। 7 फरवरी को अपने परिवार के साथ अपनी भतीजी की शादी समारोह में भी शामिल होंगे। उसके बाद लखनऊ के लिए रवाना होंगे। योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उनके गांव पंचूर में भी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। गौरतलब है कि सीएम योगी ने सन्यास धारण करने के बाद परिवार से मिलना जुलना कम कर दिया था। हालांकि अब कुछ खास मौकों पर परिवार के लोगों से मिलते हैं। उन्होंने अपनी मां से 8 महीने पहले अस्पताल में मुलाकात थी। वह आंख के इलाज के लिए एम्स में भर्ती थी। वहीं कोरोना काल के समय सीएम योगी के पिता का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उस समय कोरोना तेजी से फैल रहा था। पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा था। बड़ी संख्या में लोग संक्रमित थे। इस दौरान सीएम योगी की बड़ी कठिन परिस्थितियों में फंस गए थे। एक तरफ कोरोना की महामारी से निपटने की जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमं6ी के रूप में थी तो दूसरी तरफ पिता के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी। इस दौरान उन्होंने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं शामिल होने का फैसला लिया था। सीएम योगी मूल रूप से पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के पंचूर गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार गांव में ही रहता है। उनकी मां सावित्री देवी हाउसवाइफ हैं। सीएम योगी समेत उनके कुल चार बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके नाम मानेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट, शैलेंद्र मोहन बिष्ट, पुष्पा देवी कौशल्या और शशि देवी हैं। मालूम हो कि योगी 19 मार्च 2017 उत्तर प्रदेश के पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया था। और अब साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इनकी दोबारा जीत हुई है। गोरखपुर से लोकसभा सांसद रहे योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति में अपने कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए विख्यात हैं। ये भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राजनीति करते हैं। इनका कथन एक हाथ में माला एक हाथ में भाला इनके कट्टरवाद को दर्शाता है। ये बहुत छोटी सी उम्र से ही सक्रिय राजनीति में अपना पैर जमाये हुए हैं। ये सन् 1998 में भारत के बारहवें लोकसभा में चुनाव जीत कर सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में देश के सामने आये। इस समय इनकी उम्र 26 वर्ष की थी। ये नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं।  22 साल की उम्र में ही उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया था। वह गोरक्ष पीठ के उत्तराधिकारी घोषित हो चुके थे और मंदिर परिसर में लगने वाले जनता दरबार को भी अपने हाथों में ले लिया था। कई श्रद्धालुओं ने उस दौरान मंदिर में से जूते और चप्पल चोरी हो जाने की शिकायत की। एक दिन भंडारे के निरीक्षण के दौरान मठ के कर्मचारियों ने योगी को बताया कि पड़ोस के मुस्लिम युवकों का समूह खाने के बाद दूसरों के जूते.चप्पल पहनकर निकल जाता है। यह बात पता लगने पर योगी ने उन लड़कों को फटकार कर वहां से निकलने के लिए बोला। इतने में योगी के गुरु वहां पहुंच गए। सारी बात पता चलने पर उन्होंने सीख देते हुए कहा कि वे आपके मेहमान थे। किसी को भी भंडारे से भूखे नहीं लौटना चाहिए। जाइए और उन्हें प्रेमपूर्वक बुलाकर लाइए। योगी ने अपने गुरु के आदेश का पालन किया। यह गुरु और कोई नहीं, बल्कि महंत अवैद्यनाथ थे। वह अवैद्यनाथ जिनसे गोरक्षपीठ की समृद्ध विरासत योगी आदित्यनाथ को मिली। वह अवैद्यनाथ जिन्होंने योगी के अवचेतन में हिंदुत्व की सिंचाई की। हिंदू समाज के अल-.अलग मत के धर्माचार्यों को अवैद्यनाथ ने एक साथ जोड़कर अयोध्या आंदोलन में आगे बढ़ने का काम किया था। राम जन्मभूमि यज्ञ समिति के गठन के वक्त महंत अवैद्यनाथ को इसका अध्यक्ष चुना गया था। इसकी वजह भी थी कि सभी धर्माचार्य उन्हें अपना आदर्श मानते थे। योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपने जैविक पिता से भी ऊंचा दर्जा दिया।

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