उत्तराखण्ड
गर्मी के साथ ही पहाड़ों में जल स्रोतों का सूखने का सिलसिला जारी
जल संस्थान को हर रोज मिल रही है स्रोत सूखने की सूचना, जून जैसी स्थिति
सीएन, नैनीताल। इस बार अब तक पर्याप्त वर्षा नही होने से पहाड़ों में पेयजल किल्लत जारी है। इस विकट स्थिति के कारण पेयजल स्रोतों का सूखने का सिलसिला भी शुरू हो चुका हैै। जल संस्थान को हर रोज स्रोतों के सूखने की सूचना भी मिल रही है। अभी से जून जैसी स्थिति बननी शुरू हो गई है। जल संस्थान ने भावी खतरे की आशंका को देखते हुए ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पानी टैंकरों से बांटने की रणनीति बनाई है। कई स्थानों टैंकरों से पानी वितरित किया जा रहा है। जल संस्थान के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बार पर्याप्त वर्षा नही होने से स्थिति अभी से चिन्ताजनक बन रही है। कई स्थानों में जल स्रोत सूखने व स्रोतों में पानी की कमी होने की सूचना मिल रही है। इससे निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। कई स्थानों में रोस्टर से पानी वितरित किया जा रहा हैं। इस वर्ष पहाड़ों में लगातार पानी की किल्लत बनती जा रही है। जिले की झीलों व नदियों का जल स्तर लगातार गिर रहा है तो पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने लगे है। इन स्रोतों का चार्ज भी कम होने लगा है। कई स्थानों में जो स्थिति जून में होती थी वह अभी से दिखने लगी है। जल संस्थान को ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार पानी की कमी व जल स्रोतों के सूखने व जल स्तर कम होने की सूचना मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल संस्थान ने कई स्थानों पर रोस्टर से पेयजल वितरण शुरू कर दिया है। इसके अलावा विभाग ने विकासखंड बेतालघाट, धारी, भीमताल, ओखलकांडा व रामगढ़ सहित नैनीताल के सात नम्बर, टांकी बैंड क्षेत्र पाॅलीटेक्निक, हांडी बाडी व कृष्णापुर क्षेत्र सहित भवाली नगर के दुगई स्टेट व भीमताल नगर के जून स्टेट, सोनगांव व ज्योलीकोट के गांजा सहित 29 स्थानों को प्रारम्भिक तौर पर चिन्हित किया है। इन स्थानों में अभी से पेयजल की किल्लत शुरू हो गई है। चिन्हित स्थानों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने टैंकरों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। भीमताल ब्लाॅक के घोड़ाखाल सहित चार स्थानों में, धारी में आठ, ओखलकांडा में सात, बेतालघाट में तीन व रामगढ़ में तीन स्थानों में टैंकर से पेयजल वितरित करने की योजना बनाई गयी है। यहां बता दें कि इन स्थानों में सड़कों के किनारे बसे गांवो में ही टैंकर पहुंच सकते है। सवाल उन दुरूस्त गांवो का है जहां टैंकर नही पहुंच पायेंगे। इसके लिए विभाग व प्रशासन के पास कोई योजना नही है। कुल मिलाकर इस बार पहाड़ों में पेयजल की विकट समस्या मुंहबायें खड़ी है।
अब तक इन स्थानों से स्रोत सूखने की मिली है सूचना
नैनीताल। जल संस्थान नैनीताल को अब तक नैनीताल के पंगूट, बल्दियाखान, मल्ला रामगढ़, सीन, गंगोरी सुयालबाड़ी, चाफी, अल्चैना, नगारी गांव, चकतलाड़, हेड़िया, भत्यूड़ा, पलड़ा, बस गांव, सूपी आदि क्षेत्रों से प्राकृतिक जल स्रोत सूखने व जल स्तर कम होने की सूचना मिली है। यह सूचनाएं हर रोज जल संस्थान एकत्र कर रहा है।
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