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उत्तराखण्ड

एसआईआर को लेकर प्रारम्भिक तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन, डीएम ने राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक

सीएन, हल्द्वानी। भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर प्रारम्भिक तैयारियों के बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया कि एसआईआर के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के अनुच्छेद 324, खण्ड-21 के तहत भारत निर्वाचन आयोग अपनी शक्तियों का प्रयोग कर विशेष गहन पुनरीक्षण (एस.आई.आर) किये जाने हेतु आर.पी. एक्ट-1950 में प्राविधान है। निर्वाचन आयोग द्वारा अलग-अलग वर्षों में इससे पूर्व 11 बार एसआईआर कार्यक्रम पूरे देश में संपादित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2003 में एसआईआर कार्य किया गया था। उन्होंने बताया कि आयोग का इस पूरी प्रकिया के पीछे उद्देश्य हर पात्र मतदाता को मतदाता सूची में शामिल करना है। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 326 में प्रावधान है कि प्रत्येक मतदाता- भारत का नागरिक हो, अर्हता तिथि पर 18 वर्ष से कम आयु नहीं होनी चाहिए, किसी भी कानून के तहत अन्यथा अयोग्य नहीं होने पर मतदाता सूची में पंजीकृत होने का हकदार होगा, बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तृतीय चक में उत्तराखण्ड राज्य हेतु विशेष गहन पुनरीक्षण किया जाना है।उत्तराखण्ड राज्य में निर्वाचक नामावलियों का 01.01.2003 की अर्हता तिथि के आधार पर अंतिम बार गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। उन्होंने नागरिकता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा-3 के अनुसार- 26 जनवरी , 1950 को या उसके बाद भारत में जन्में व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में वगीकृत किया गया हैः-* पहली श्रेणी में 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद लेकिन 01 जुलाई, 1987 से पहले जन्मे व्यक्ति अर्थात 30 जून 1987 तक। दूसरी श्रेणी में वे व्यक्ति जिनका जन्म 01 जुलाई, 1987 को या उसके बार किन्तु नागरिकता संशोधन अधिनियम-2003 के लागू होने से पहले हुआ हो, अर्थात 03 दिसम्बर, 2004 से पहले (02 दिसम्बर, 2004 तक) तथा जिनके माता-पिता में से कोई एक उनके जन्म के साथ भारत का नागरिक हो। उन्होंने बताया कि तीसरी श्रेणी में 03 दिसम्बर, 2004 को या उसके बाद जन्मे व्यक्ति जहाँ- (क) उसके माता-पिता दोनों भारत के नागरिक हैं, या (ख) जिसके माता-पिता में से एक भारत का नागरिक हो तथा दूसरा उसके जन्म के समय अवैध प्रवासी न हो। उन्होंने एसआईआर हेतु भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित दस्तावेज की सूची के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी केन्द्रीय सरकार / राज्य सरकार / पीएसयू के नियमित कर्मचारी / पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश। 01.01.1987 से पहले भारत में सरकार स्थानीय प्राधिकरणों / बैंको / डाकघर / एलआईसी / पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र / प्रमाण-पत्र / दस्तावेज । सक्षम प्राधिकारी द्वारा जन्म प्रमाण-पत्र। पासर्पाेट। मान्यता प्राप्त बोर्ड / विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलशन / शैक्षिक प्रमाण पत्र। सक्षम राज्य प्राधिकारीद्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र। वन अधिकार प्रमाण-पत्र। ओबीसी/एससी/एसटी या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी कोई भी जाति प्रमाण-पत्र। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहाँ भी मौजूद हो)। राज्य/स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर। सरकार द्वारा जारी कोई भूमि/मकान आवंटन प्रमाण-पत्र। उन्होंने बताया कि आधार अधिनियम की धारा-9 के अनुसार, आधार संख्या या उसका प्रमाणीकरण, अपने आप में, किसी आधार संख्या धारक के संबंध में नागरिकता या निवास का कोई अधिकार प्रदान नहीं करेगा या उसका प्रमाण नहीं होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं कि मतदाता सूची के प्रत्येक भाग के लिए राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के द्वारा प्रत्येक बूथ के लिए बूथ लेवल एजेन्ट (बीएलए) नियुक्त किया जा सकता है। बीएलए मतदाता सूची के उस संबंधित भाग में पंजीकृत मतदाता होना चाहिए जिसके लिये उसे नियुक्त किया गया है। मतदाता सूची के उसी भाग से बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) उपलब्ध न होने की स्थिति में, उसी विधान सभा क्षेत्र के किसी भी पंजीकृत मतदाता से बूथ लेवल एजेन्ट नियुक्त किया जा सकता है। यह अपेक्षित है कि बीएलए उस भाग की प्रारूप सूची में प्रविष्टियों की जाँच करेगा जिसके लिए उसे बीएलए के रूप में नियुक्त किया गया है ताकि मृत या स्थानान्तरित मतदाताओं की प्रविष्टियों की पहचान की जा सके। आयोग के निर्देशानुसार विशेष गहन पुनरीक्षण की पूरी प्रक्रिया राजनैतिक दलों की सक्रिय भागीदारी के लिए राजनैतिक दलों द्वारा नियुक्त बी.एल.ए को एसआईआर गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाने के उद्देश्य से मतदेय स्थलवार बी.एल.ए. की नियुक्ति करें, ताकि वे बी.एल.ए. एसआईआर के दौरान फील्ड में रहकर गतिविधि के दौरान किसी भी प्रकार की विसंगति को ध्यान में ला सकें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा और कांग्रेस द्वारा ही बीएलए-1 की नियुक्ति की गई है। उन्होंने बताया कि बीजेपी द्वारा 212 बीएलए-2 की नियुक्ति की गई है। उन्होंने सभी राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से 20 दिसम्बर तक बीएलए-1 तथा बीएलए-2 की नियुक्ति सूची उपलब्ध कराने के की अपील की।  उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के सुव्यवस्थित संचालन एवं सम्पादन हेतु आयोग के निर्देशानुसार बूथ अवेयरनेस ग्रुप का भी गठन किया जा रहा है। जिसमें सम्बन्धित मतदेय स्थल का बीएलओ सुपरवाईजर अध्यक्ष तथा सम्बन्धित मतदेय स्थल का बीएलओ सदस्य, सम्बन्धित मतदेय स्थल के प्रशासनिक क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले क्षेत्र का ग्राम पंचायत विकास अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी/मनरेगा कार्मिक सदस्य होंगे तथा इसके साथ ही मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वसरा विधिवत रूप से नियुक्त बूथ लेवल एजेंट भी सदस्य होंगे। इस दौरान विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारियों द्वारा एसआईआर से सम्बन्धित पूछे गये सवालों एवं जिज्ञासाओं का जिला प्रशासन द्वारा समाधान किया गया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी विवेक राय, उप जिलाधिकारी राहुल शाह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी हंसा दत्त पाण्डे, कांग्रेस पार्टी से सुहेल अहमद सिद्दीकी, राहुल छिमवाल, गोविन्द बिष्ट, भाजपा से प्रकाश पटवाल, रंजन सिंह बर्गली, दिनेश चन्द्र खुल्बे, बीएसपी से आसिफ हुसैन, कृष्ण चन्द्र आदि उपस्थित थे।

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