Connect with us

अल्मोड़ा

हवन से पर्यावरण शुद्ध तथा नेत्रज्योति व कई रोग दूर होते है : प्रो. दूवे

वैदिक पौधों के महत्ता को लेकर एसएसजे विवि मे आयोजित हुआ सेमिनार
सीएन, अल्मोड़ा।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एनएसई आरबी, इंडिया के सहयोग से दो दिवसीय प्रोस्पेक्टिव्स ऑफ प्लांट बेस्ड वैदिक एंड कल्चरल प्रैक्टिस ऑफ इंडियन हिमालयन रीजन इन ह्यूमन एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। सेमिनार के संरक्षक एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्रसिंह भंडारी, श्रीमती संजना भंडारी, अतिथि प्रो. आर सी दुबे (विभागाध्यक्ष, वनस्पति एवं माइक्रो बायोलॉजी, गुरुकुल कांगड़ी), संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो जया उप्रेती, बीज वक्ता रूप में प्रो. पीसी पांडे (पूर्व अध्यक्ष, वनस्पति, कुमाऊं विश्वविद्यालय,नैनीताल), कार्यक्रम अध्यक्ष रूप में अधिष्ठाता प्रशासन प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, सेमिनार के संयोजक डॉ. बलवंत कुमार, सह संयोजक डॉ. धनी आर्य, प्रो. जीवन सिंह रावत (वैज्ञानिक, डीएसटी,चेयरपर्सन) ने हवन (यज्ञ) कर सेमिनार का उद्घाटन किया। वनस्पति विज्ञान विभाग की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत का गायन किया। उसके बाद अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। सेमिनार के संयोजक डॉ. बलवंत कुमार ने दो दिवसीय सेमिनार की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हिमालयी पर्यावरण, वैदिक प्लांट्स, हिमालयी संस्कृति को अंतराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने आदि के लिए यह सेमिनार आयोजित हो रहा है जिसमें देशभर के ख्यातिप्राप्त विद्वान, शोधार्थी, अकादेमिक सदस्य भागीदारी कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न सत्रों के बारे में जानकारी दी। बीज वक्ता रूप में प्रो. पीसी पांडे (पूर्व अध्यक्ष, वनस्पति, कुमाऊं विश्वविद्यालय,नैनीताल) ने हिमालयी क्षेत्र आयुर्वेदिक, औषधीय, हर्बल प्लांट आदि को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र की वनस्पतियों पर एथनोबॉटोनिस्टों को ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने शोधकों को वनस्पतियों के बारे में अध्ययन करने हेतु निर्देशित किया। सेमिनार के संरक्षक एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्रसिंह भंडारी ने कहा कि युवा वर्ग न्यू साइंस की दिशा को तय करें। युवा विज्ञानियों से हमें बहुत आशाएं हैं। उन्होंने परंपरागत औषधियों की उपयोगिता एवं महत्व को रेखांकित करते हुए विस्तार से प्रकाश डाला। कुलपति प्रो भंडारी ने कहा कि कोविड 19 के दौर में वैदिक पौधों की उपयोगिता और महत्ता बढ़ी है। कोबिड काल में हमने औषधीय पौधों का उपयोग कर हमने अपनी इम्युनिटी को बढ़ाया है। वेद परंपरा पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में वेद परंपरा बहुत समृद्ध है। वेद और भागवत ज्ञान के भंडार हैं। सभी कुछ प्रकृति से जुड़े हुए हैं। हमारी संस्कृति सृजन की संस्कृति है। उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों से भी परिचय कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में हरेला पीठ, वेद विज्ञान, विवेकानन्द शिद्ध एवं अध्ययन केंद्र, ग्रीन ऑडिट आदि ओआर्यवरण, संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। कुलपति प्रो भंडारी ने वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की। अतिथि प्रो. आरसी दुबे (विभागाध्यक्ष,वनस्पति एवं माइक्रो बायोलॉजी, गुरुकुल कांगड़ी) ने कहा कि वेद आदि प्राचीन ग्रंथ शोध करने के लिए हैं। ध्यान,योग, मंत्रों का प्रभाव पड़ता है। हवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हवन करने से हमारा पर्यावरण शुद्ध होने के साथ आयु, नेत्र ज्योति बढ़ती है। कई रोग हवन करने से दूर हो जाते हैं। उन्होंने चिकित्सकीय, औषधीय पौधों को संरक्षण प्रदान करने के लिए युवाओं का आह्वान किया। उन्होंने माइक्रोबियोलॉजी के संबंध में विस्तार से व्याख्यान दिया। विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. जया उप्रेती ने सभी अतिथियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वनस्पति विज्ञान द्वारा एक महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया है। जिसका लाभ हमारे विद्यार्थियों, शिक्षकों को अवश्य मिलेगा। अधिष्ठाता प्रशासन प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट ने वनस्पति विज्ञान विभाग की सराहना करते हुए कहा कि माननीय कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी जी के नेतृत्व में हिमालयी संस्कृति, पर्यावरण आदि के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस हिमालयी भूमि में औषधीय पौधों, आयुर्वेदिक पौधों का प्रयोग निरन्तर होता रहा है। जिनका संरक्षण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने वनस्पति विज्ञान विभाग की सराहना की।

Continue Reading
You may also like...

More in अल्मोड़ा

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING