उत्तराखण्ड
नैनीताल सहित उत्तराखंड के ऊंचाई वाले स्थानों में फिर हिमपात शुरू
बारिश और हिमपात की वजह से चुनाव प्रचार प्रत्याशियों के प्रचार में खलल
सीएन, नैनीताल। मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक नैनीताल सहित उत्तराखंड के ऊंचाई वाले स्थानों में फिर हिमपात शुरू हो गया है और कुछ ही देर में ऊंचाई वाली पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर बिछने लगी है। यहां 3 व 4 फरवरी को हुए भारी हिमपात के बाद अब धीरे धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा था। लेकिन बुधवार की सुबह 10 बजे से बूंदाबांदी शुरू हुई और कुछ देर बाद हिमपात शुरू हो गया। मौसम विभाग ने 9 व 10 फरवरी को खराब मौसम की चेतावनी दी । उत्तराखंड की पहाड़ियों में हिमपात हो रहा है। मैदानी इलाको में वर्षा होने से कड़ाके की सर्दी ने चुनाव प्रचार की रफ्तार पर रोक लगा दी है। मालूम हो कि 3 व 4 फरवरी को हुए भारी हिमपात हुआ था। उत्तराखंड में 1997 के बाद सबसे ज्यादा हिमपात हुआ थी, हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी से पहाड़ियों पर सफेद चादर सी बिछ गई थी। बद्री केदार व्यास दारमा पिंडर घाटियों में आठ से दस फुट तक बर्फ गिर चुकी थी, जबकिं शिवालिक की नैनीताल मसूरी मुक्तेश्वर धानाचूली मानिला रानीखेत अल्मोड़ा बेरीनाग चंडाक आदि की पहाड़ियों पर चार से छह फुट तक बर्फबारी हुई थी। बारिश हिमपात से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, खेतो में खड़ी फसलों को भी नुकसान होने की खबरे है। हो रही बारिश और हिमपात की वजह से चुनाव प्रचार भी न के बराबर हुआ है। सर्दी की वजह से लोग भी घरों में दुबके हुए है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में भी सर्दी की वजह से जोश ठंडा हुआ है। हालांकि बीजेपी व कांग्रेस सहित अन्य दलों ने कमरा बैठके शुरू कर अपने प्रचार का स्वरूप बदला है। लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों के प्रचार में बारिश ने खलल डाला है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अगले 24 घण्टे पहाड़ो में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश रहने का पूर्वानुमान है,जिसकी वजह से एसडीआरएफ को एलर्ट मोड में रखा गया है, पहाड़ो में लोगो से कहा गया है कि वो अपनी छतों से बर्फ हटाते रहे और आसपास के रास्तो को साफ करने में एक दूसरे की मदद करें। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने पीडब्ल्यूडी और एसडीआरएफ को सड़के खुली रखने के लिए काम तेज़ करने का निर्देश दिया है,साथ ही लोगो से कहा है कि घरों में अंगीठियो को जलाने से परहेज़ करे।