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उत्तराखण्ड

चिन्ताजनक : नैनी सरोवर में आधा इंच हर रोज घट रहा पानी

इस वर्ष अप्रैल शुरू में नैनी झील का जलस्तर 6 फिट 6 इंच नीचे पहुंचा
सीएन, नैनीताल।
अप्रैल माह के शुरू तक मानक के अनुसार नैनी झील का जलस्तर सात फिट होनी चाहिए था। इस साल शीतकालीन वर्षा होने व रोस्टर से पानी वितरिवत करने के कारण नैनी झील का जलस्तर बीते वर्षों की अपेक्षा अब तक संतोषजनक बना हुआ है। कोरोना काल को छोड़ कर वर्ष 2019 अप्रैल माह में नैनी झील का जल स्तर 12 फिट नीचे आ गया था। इस वर्ष अप्रैल में नैनी झील का जलस्तर 6 फिट 6 इंच नीचे पहुंच गया है। झील का जल स्तर एक से आधा इंच रोज घट रहा है। हांलाकि दो वर्ष पूर्व इन दिनों झील में डेल्टा दिखाई देने लगे थे लेकिन पेयजल के लिए रोस्टर सिस्टम करने से बीते वर्ष व इस वर्ष ऐसी स्थिति नही आई है। प्राकृतिक रूप से नैनी झील वर्षा जल से 60 प्रतिशत व भूमिगत जल से 40 प्रतिशत रिर्चाज होती है। शीतकालीन बर्फवारी व वर्षा के बाद ही भूमिगत जल का सन्तुलन बना रहता है। नैनीताल नगर व आसपास के क्षेत्रों में पेयजल के लिए नैनी झील पर निर्भरता के कारण झील सर्वाधिक प्रभावित हो रही है। बीते कई वर्षों से नैनी झील का जल स्तर गिरने के कारण झील का भूगोल ही बदल रहा है। बीते चार वर्षों को छोड़ दें तो अन्य वर्षों में झील के नालों के पास बड़े डेल्टाओं का उभरना शुरू हो गया। जिसे प्रशासन ने जेसीबी मशीनों से निकाला। इससे एक बड़ा लाभ यह हुआ कि झील की जल संग्रहण क्षमता में इजाफा हुआ। केवल बरसात के दिनों में झील रिचार्ज हुई। लेकिन जलागम क्षेत्रों के प्रभावित होने से बरसात के बाद झील में प्रतिकूल प्रभाव पड़ना जारी है।
पैरूल व बाल्ब से पानी की बर्बादी से भी झील प्रभावित
नैनीताल।
शहर में एशियन डवलपमेंट बैंक के 68 करोड़ के कर्ज से बनी नैनीताल नगरीय पेयजल सुदृढ़ीकरण योजना से जल संयोजन देने के लिए जगह-जगह ओपन पाइप लाईन में लगाये गये पैरूल व बाल्ब भारी मात्रा में पानी लीकेज जारी है। रोस्टर से पानी वितरित करने के बाद भी भारी मात्रा में पानी बर्बाद जा रहा है। हालत यह है कि तीन घंटे पानी की आपूर्ति करने के दौरान यहां दर्जनों स्थानों में पानी घरों में कम तथा बर्बाद अधिक हो रहा है। इसका सीधा प्रभाव नैनी झील में पड़ रहा है। यहां गौरी होटल, तल्लीताल मस्जिद मार्ग, हरिनगर, अयारपाटा, बिड़ला चुंगी, सात नम्बर, चार्टन लाज, मल्लीताल सहित दो दर्जन से अधिक स्थानों में बर्बाद हो रहा है। एडीबी जल निगम द्वारा बिछाई गई नगरीय पेयजल सुदृढ़ीकरण योजना के पाईप लाइनों से जल रिसाव नहीं रूक रहा है।
बलियानाला के पानी को लिफ्ट करना अब जरूरी: कोटलिया
नैनीताल।
यूजीसी के भूगर्भशास्त्री डा. बहादुर सिंह कोटलिया का कहना है कि नैनी झील की सेहत अब गोष्ठियों व सुझावों से नही सुधरेगी। हर बार गर्मियों में झील का जल स्तर कम होना चिन्ता का बिषय है। इसका स्थाई समाधान निकाला जाना चाहिए। इसके लिए अब जमीनी कार्य करने होंगे। इसके लिए जहां जलागम क्षेत्रों को सख्ती से बचाना होगा वही झील को रिचार्ज करने के लिए अब बलियानाला से बह रहे जल स्रोत से पानी को लिफ्ट कर नैनी झील को रिचार्ज करना अब आवश्यक है। यदि यह पानी लगातार झील में आया तो एक बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। हरिनगर के ठीक नीचे भारी मात्रा में पानी बह रहा है। इसका उपयोग नही हो रहा है लिहाजा तत्काल इस पानी का उपयोग नैनी झील को रिचार्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। जमरानी बांध बनता है तो इसकी डीपीआर में नैनी झील को रिचार्ज करने की पंपिंग योजना को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा खैरना में प्रस्तावित बैराज से भी नैनी झील की सेहत सुधरेगी।

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