उत्तराखण्ड
ईरान पर इजरायल का बड़ा हमला, जवाब में ईरान ने न्यूक्लियर साइट पर हमला किया, क्या परमाणु युद्ध का आगाज तो नहीं
सीएन, तेल अवीव। ईरान पर इजरायल ने बड़ा हमला किया है. ईरान ने उसकी न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है. इसके बाद ईरान ने पलटवार की चेतावनी दी है. ईरान की मिसाइल पावर मिडिल ईस्ट में उसकी सबसे बड़ी ताकत है, खासकर वे मिसाइलें जो इजरायल तक पहुंच सकती हैं. ईरान ने अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी बनाया हुआ है, जिसमें ऐसी मिसाइलें हैं जो आधे घंटे में इजरायल पहुंच सकती हैं. इजरायली अटैक के बाद, ईरान की बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें चर्चा में हैं. माना जा रहा है कि अब जमीन के नीचे मौजूद मिसाइल के जखीरे से हथियार निकाले जाएंगे. दूसरी ओर, यह भी खबरें हैं कि ईरान ने अपनी मिसाइल ताकत बढ़ाने के लिए चीन से सामग्री मंगाई है. ईरान के पास मिडिल ईस्ट में सबसे ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनमें से कई इजरायल (लगभग 1500-2000 किमी की दूरी) तक आसानी से पहुंच सकती हैं फतह-1 (हाइपरसोनिक मिसाइल): 2023 में बनाई गई यह मिसाइल आवाज की गति से 5 गुना तेज (मैक 5+) उड़ती है. इसकी रेंज 1400 किमी है, और इसका जटिल रास्ता इसे इजरायल के आयरन डोम जैसे रक्षा तंत्रों से बचने में मदद करता है. यह मिसाइल गेम चेंजर मानी जाती है, क्योंकि इसे रोकना लगभग नामुमकिन है.सेजिल: यह 2500 किमी की रेंज वाली मिसाइ 17,000 किमी/घंटा की रफ्तार से हमला कर सकती है. यह ठोस ईंधन वाली मिसाइल मोबाइल लॉन्चर से दागी जाती है, जिसे ट्रैक करना मुश्किल है.खैबर: 2000 किमी की रेंज वाली यह मिसाइल सटीक निशाना लगाने में माहिर है और इजरायल के सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा सकती है.हज कासेम: 1400 किमी की रेंज वाली इस मिसाइल का इस्तेमाल पिछले साल इजरायल पर हमले में हुआ था.इमाद और खोरमशहर: ये तरल ईंधन वाली मिसाइलें 2000 किमी तक मार कर सकती हैं.एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी खुफिया अनुमान के अनुसार, ईरान के पास 2,000 बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. जिनमें 907 किग्रा या उससे अधिक विस्फोटक ले जाने की क्षमता है. ईरान ने रूस, उत्तर कोरिया और चीन की मदद से अपनी मिसाइल तकनीक को उन्नत किया है, जिसमें हल्के मटेरियल का इस्तेमाल कर मिसाइलों की रेंज बढ़ाई गई ईरान की फतह-1 जैसी मिसाइलें इजरायल के आयरन डोम, डेविड स्लिंग, और एरो सिस्टम को चुनौती दे सकती हैं, क्योंकि इनकी गति और रास्ता ट्रैक करना मुश्किल है.ईरान की मिसाइलों की भारी संख्या और मोबाइल लॉन्चर इजरायल के लिए खतरा हैं. ईरान की रणनीति रही है कि वह एक साथ सैकड़ों मिसाइलें दागकर इजरायल के रक्षा तंत्र को ओवरलोड कर द शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया टूटकर 86.20 पर आ गया. हालांकि, बाद में केन्द्रीय बैंक की हस्तक्षेप का सीधा फायदा मिला और रुपया उठकर 86.04 पर आ गया.
