उत्तराखण्ड
नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायती चुनाव में लगाई रोक, सरकार को बड़ा झटका, आरक्षण को लेकर बढ़ा विवाद
नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायती चुनाव में लगाई रोक, सरकार को बड़ा झटका, आरक्षण को लेकर बढ़ा विवाद
सीएन, नैनीताल। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। सोमवार को आरक्षण संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। नैनीताल हाईकोर्ट से धामी सरकार को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को आरक्षण विवाद पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। आरक्षण पर नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी भी की है कि आगे किसी भी तरह की चुनावी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण की रोटेशन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के लिए 23 जून की तारीख तय की थी। बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को परिपत्र जारी कर अब तक पंचायत चुनाव को लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया है जबकि हाई कोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है । जिस कारण याचिकाकर्ता पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के मामले एकलपीठ में भी दायर हैं।बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, जिसके तहत 10 जुलाई को मतदान किए जाने की तारीख तय की गई थी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी थी। उत्तराखंड के निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए बताया था कि मतदान 10 जुलाई को होगा और 19 जुलाई को मतगणना की जाएगी। निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा था कि चुनाव के लिए नामांकन 25 जून से शुरू होंगे और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 जून होगी। नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से एक जुलाई तक की जाएगी तथा तीन जुलाई को चुनाव चिह्न आवंटित किये जायेंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है और जब तक चुनाव परिणाम घोषित नहीं कर दिए जाते, यह तब तक लागू रहेगी। बता दें कि उत्तराखंड के हरिद्वार जिले को छोड़ अन्य 12 जिलों में पंचायत चुनाव होने थे। आज हाईकोर्ट के आदेशें के बाद फिलहाल चुनाव टल गये है। हाईकोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई है। हाईकोर्ट में कांग्रेस की आशंकाओं पर मुहर लगी है।
