उत्तराखण्ड
नैनीताल का डीएसए खेल मैदान कार पार्किंग से रहेगा मुक्त
बीते वर्षो हाई कोर्ट के फैसले से नैनीताल के खिलाड़ियों को मिली है बड़ी राहत
इस साल भी पार्किंग के लिए भारी हाई-तौबा मचने की पूरी संभावना भी बनी
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सरोवर नगरी में सीजन में डीएसए खेल मैदान के चारों ओर हजारों वाहन खड़े कर उनसे शुल्क वसूल कर इसे पूरी तरह व्यवसायिक गतिविधियों का केन्द्र बना दिया जाता था। वसूली गई रकम डीएसए प्रबंधन व पालिका आपस में बांट लेने का यह सिलसिला वषों से चला आ रहा है। खेल मैदान को व्यवसायिक केन्द्र बना देने व खेल गतिविधियों में रूकावट आने को बीते वर्षों हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया था। अपने एक आदेश में कोर्ट ने मैदान को पूरे साल पार्किंग से मुक्त करने के आदेश दिये हैं। सीजन में पार्किंग बना दिये जाने से खेल की गतिविधियां भी रोकनी पड़ती है। जबकि यहां राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजित होते है। इससे खेल प्रमियों को निराशा ही हाथ लगती थी। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद नैनीताल के खेल पे्रमियों व खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिली है। पार्किंग के दौरान अव्यवस्था व गंदगी अलग से हावी रहती है। कोर्ट के आदेशों के बाद प्रशासन ने नैनीताल में पार्किंग की कमी को देखते हुए नैनीताल बाईपास में वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था शुरू कर दी है। वहीं नारायणनगर में स्थाई पार्किंग निर्माण भी शुरू कर दिया है। मालूम हो कि नैनीताल में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से सीजन के दौरान अत्यधिक वाहनों की आमद होने के बाद कार पार्किंग के बगल में स्थित एक मात्र खेल मैदान को पार्किंग मे तब्दील किया जाता है। जिसका नगरपालिका द्वारा शुल्क वसूला जाता है। जिसका डीएसए प्रबंधन को भी हिस्सा दिया जाता है। मालूम हो कि डीएसए मैदान के ही तिब्बती मार्केट के पास पालिका की पुरानी पार्किंग है। जिसे पालिका करोड़ों रूपयों के टैंडर कर पार्किंग की व्यवस्था करती है। इस पार्किंग के पैक हो जाने पर प्रशासन मैट्रोपोल पार्किंग में वाहनों को भेजता है। इसके पैक हो जाने के बाद डीएसए मैदान के चारों ओर वाहन पार्क कर दिये जाते हैं। आदेशों के बाद प्रशासन ने नैनीताल में पार्किंग फुल हो जाने के बाद पर्यटक वाहनों के शहर में आने से प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे होटल कारोबारी खासे खफा हो गये। लेकिन आने वाले दिनों में नैनीताल में पार्किंग के लिए भारी हाई-तौबा मचने की पूरी संभावना बन गई है।
पार्किंग के लिए खंडपीठ ने यह आदेश किये हैं जारी
नैनीताल। उत्तराखड कोर्ट ने नैनीताल की अव्यवस्थाओं के खिलाफ दायर प्रो. अजय रावत की जनहित याचिका की सुनवाई के बाद शहर में पार्किंग व्यवस्था के सन्दर्भ में आईआईटी के विशेषज्ञांे के साथ शीघ्र बैठक करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे। न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए पार्किंग समस्या के समाधान के लिए आईआईटी के विशेषज्ञों के साथ बैठक करने नारायणनगर में प्रस्तावित पार्किंग के सन्दर्भ वन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करने व डीएसए मैदान में साल भर कोई पार्किंग नहीं करने के आदेश दिए है।
डेढ़ हेक्टेयर भूमि में बननी है वाहन पार्किंग
नैनीताल। सरोवर नगरी में पार्किंग की समस्या को लेकर हाई कोर्ट सुनवाई के दौरान चिन्ता प्रकट कर चुका है। 1150 वाहनों की क्षमता व 80 करोड़ लागत से बनने वाले नारायण नगर पार्किंग के मामले में आईआईटी दिल्ली की टीम ने भी हरी झंडी दे दी। लेकिन अब इस निर्माण में वन विभाग ने अपना पेंच फंसा दिया था। इस मामले में भूमि सर्वेक्षण निदेशालय देहरादून के अपर प्रमुख वन संरक्षक मनोज चन्द्रन ने निर्माण एजेंसी एडीबी पर्यटन को लिखे पत्र में कहा है कि चारखेत-नारायणनगर में 75 नाली यानि डेढ़ हेक्टेयर भूमि में पार्किंग बननी है वह भूमि पार्किंग के लिए सुरक्षित नही है। इधर एडीबी द्वारा प्ंाचेश्वर बांध का नक्शा तैयार करने वाली दिल्ली की वापकौस कम्पनी ने डीपीआर बनाई है। लगभग 80 करोड़ लागत से बनने वाले इस पार्किंग स्थल में बाहर से आने वाले बड़े व छोटे वाहनों की पार्किंग के साथ ही चालकों व परिचालकों के ठहरने का इंतजाम भी किया जाना भी प्रस्तावित है। इन दिनों पार्किंग निर्माण गतिमान है।
नैनीताल में कई स्थानों में पार्किंग बनाने की संभावना
नैनीताल। बीते वर्षों आईआईटी दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डा. गौतम तिवारी प्रोजेक्ट एसोसियेट पुष्कर कुमार की अगुवाई में नैनीताल पहुंची टीम ने प्रशासन द्वारा गठित कमेटी के साथ शहर के कई संभावित स्थलों का निरीक्षण भी किया था। मल्लीताल अशोक टाकीज को भी पार्किंग बनाने की संभावनाओं को भी खोजा गया। इस स्थान पर यदि पार्किंग का निर्माण किया जाता है तो यह महत्वपूर्ण पार्किंग हो सकती है। इसके अलावा डीएसए मैदान मल्लीताल पार्किंग का विस्तार के साथ ही मेट्रोपोल मल्लीताल, सूखाताल, तल्लीताल न्यू बस स्टेशन, तल्लीताल कार पार्किंग, भवाली व हल्द्वानी मार्ग, नारायण नगर, लिंक मार्ग सहित कई संभावित स्थलों को पार्किंग में तब्दील किया जा सकता है। लेकिन प्रशासनिक कवायद अब तक जमीनी स्तर पर नही उतर पाई है।
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