उत्तराखण्ड
अल्मोड़ा जिला महिला चिकित्सालय में ऑपरेशन थिएटर की सेवा एक बार फिर बहाल
सीएन,अल्मोड़ा। लंबे संघर्ष और सामाजिक दबाव के बाद आखिरकार अल्मोड़ा जिला महिला चिकित्सालय में ऑपरेशन थिएटर की सेवा एक बार फिर बहाल हो गई है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अस्पताल परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के चलते यह सेवा पूरी तरह से बंद थी, जिससे गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और कई बार उन्हें जान जोखिम में डालकर निजी अस्पतालों या अन्य जिलों की ओर रुख करना पड़ता था।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता साह ने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए थे कि जिला चिकित्सालय परिसर में एक अस्थायी ऑपरेशन थिएटर तत्काल संचालित किया जाए। लेकिन ये निर्देश ज़मीनी हकीकत में बदलने से पहले ही कागजों में दब गए। इसी बिंदु पर सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने इस मामले को महज एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि “सैकड़ों माताओं के जीवन और सम्मान से जुड़ा गंभीर विषय” बताया। संजय पाण्डे ने इस विषय में जिलाधिकारी से फोन पर सीधे वार्ता कर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। साथ ही, सूचना का अधिकार के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही भी तय करवाई। लगातार प्रयासों, जनदबाव और मीडिया सहयोग के चलते अब जाकर ऑपरेशन थिएटर की सेवा पुनः शुरू हो सकी है। इससे पहले भी संजय पाण्डे की पहल पर महिला चिकित्सालय में वर्षों से बंद अल्ट्रासाउंड सेवा को बहाल किया जा चुका है। सिर्फ यहीं नहीं, उनके प्रयासों की फेहरिस्त लंबी है। संजय पाण्डे के निरंतर प्रयासों से अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय में आधुनिक सिटी स्कैन मशीन की स्थापना सुनिश्चित की गई, जो अब 24 घंटे चालू है। इसी तरह, उनके प्रयासों से अस्पताल में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू हो सकी, जो वर्षों से केवल एक मांग बनकर रह गई थी।वहीं, ऑडियोमैट्री टेस्ट सुविधा, जो काफी समय से बंद थी, उसे भी उन्होंने पुनः शुरू करवाया, जिससे सैकड़ों मरीजों को लाभ मिल रहा है।। हालांकि अब भी कुछ सेवाएं अधूरी हैं। संजय पाण्डे ने बताया कि जिला चिकित्सालय में रूट केनाल और अन्य दंत चिकित्सा से जुड़ी सेवाएं अब तक शुरू नहीं हो सकी हैं, जबकि इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक डॉक्टर की नियुक्ति भी हो चुकी है। यह लापरवाही सीधे तौर पर मरीजों की परेशानी को बढ़ा रही है।
