उत्तराखण्ड
सोमवार को नैनीताल क्षेत्र में देखा गया ऑप्टिकल सोलर हॅलो घटना
सीएन, नैनीताल। 22 डिग्री सौर प्रभामंडल (सोलर हॅलो) एक ऑप्टिकल घटना है जिसे आज नैनीताल क्षेत्र में देखा गया। सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर हल्के रंग के प्रकाश के इस वलय की कोणीय त्रिज्या 22 डिग्री होती है। यह तब बनता है जब सूर्य का प्रकाश (या चंद्र प्रभामंडल के मामले में चाँद का प्रकाश) पतले बादलों में स्थित षट्कोणीय आकर के लाखों बर्फ के क्रिस्टल्स से होकर गुजरता है। उच्च ऊंचाई वाले इन बादलों को सिरस बादल और सिरोस्ट्रेटस बादल के कहा जाता है, जो आमतौर पर औसत समुद्र तल से लगभग 5 किमी से 20 किमी के बीच मौजूद होते हैं। ये तस्वीरें एरीज के मनोरा पीक कैंपस से ली गई हैं। जिन तस्वीरों में प्रभामंडल (हॅलो) साफ़ दिखाई दे रहा है उनमें सूर्य अत्यधिक उजागर है और आकर में बड़ा प्रतीत हो रहा है। कम एक्सपोज़र समय वाली तस्वीरों में प्रभामंडल के सापेक्ष सूर्य का आकार स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जब सूर्य का प्रकाश एक षट्कोणीय प्रिज्म (जो इस मामले में बर्फ के क्रिस्टल्स हैं) के अंदर से सूर्य जाता है तो प्रकाश पथ के मार्ग में मूल पथ से लगभग 22 डिग्री का विचलन होता है। चूँकि लाल प्रकाश का विचलन सबसे कम होता है, यह प्रभामंडल में सबसे अंदर का रंग होता है। बैंगनी रंग सबसे ज्यादा विचलित होता है जिससे यह सबसे बाहरी रंग होता है।