उत्तराखण्ड
भारतीय संस्कृति में निहित वैदिक पौधों के प्रयोग की महत्ता को लेकर आयोजित होगा सेमिनार
सीएन, अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विवि के वनस्पति विज्ञान विभाग में 17-18 अप्रैल को प्रस्तावित दो दिवसीय प्रोस्पेक्टिव्स ऑफ प्लांट बेस्ड वैदिक एंड कल्चरल प्रैक्टिस ऑफ इंडियन हिमालयन रीजन इन ह्यूमन एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के सम्बंध में बैठक हुई। अध्यक्षता करते हुए विभाग अध्यक्ष डॉ बलवंत कुमार ने कहा कि इस राष्ट्रीय सेमिनार में 11 थीम पर विद्वानों के शोध आलेखों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। देशभर के शोधार्थी, विद्वान, पर्यावरण चिंतक आदि भागीदारी करेंगे।
कोविड 19 के समय वैदिक पौधों की उपयोगिता और महत्ता बढ़ी है। इन पौधों के महत्व को जनता तक ले जाने के लिए यह वेबिनार महत्वपूर्ण साबित होगा। बैठक में वक्ताओं ने सुझाव देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में वनस्पतियों को लेकर फैले परंपरागत ज्ञान का संकलन किया जाना आवश्यक है।
डॉ बलवंत कुमार ने बताया कि हिमालयी पर्यावरण, वैदिक प्लांट्स, हिमालयी संस्कृति को अंतराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने आदि के लिए यह सेमिनार आयोजित होगा। इस सेमिनार में देशभर के ख्यातिप्राप्त विद्वान, शिधार्थी, अकादेमिक सदस्य भागीदारी करेंगे।
इस बैठक में एडवाइजरी एवं ऑर्गनाइजिंग कमिटी के डॉ धनी आर्या (वनस्पति विज्ञान), डॉ डी एस धामी ( रसायन विभाग), डॉ सुभाष चन्द्र (वनस्पति विज्ञान), डॉ मंजुलता उपाध्याय ( वनस्पति विज्ञान), डॉ प्रज्ञा वर्मा ( अंग्रेजी विभाग), डॉ ललित जोशी (पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग), सुश्री रीतिका, श्री प्रमोद भट्ट शामिल हुए एवं श्री नंदा बल्लभ सनवाल श्री रमेश चंद्र, श्री पप्पू बाल्मीकि, श्री सुनील कुमार आदि ने सहयोग दिया।