उत्तरकाशी
कांवड़ियों पर चढ़ा भक्ति का रंग
कांवड़ियों पर चढ़ा भक्ति का रंग।
चले झूमते गाते गंगा जी के संग संग।
गंगा जी के गोमुख से भरके जल,
भोले बाबा के जयकारे करते हैं हर पल।
गंगा जी की पालकी में हो के सवार,
भोलेनाथ जी चलें हैं अपने द्वार।
काँवड़ियों की यही है अरदास,
शिव जी को नहलायेंगे पूरे श्रावण मास।
नगें पैर उठाके कांधों पर
काँवड़ रंग विरंगी,
गोमुख से जलभरकर
चलें हैं हजारों साथी संगी।
प्रस्तुति-लोकेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रांत संयोजक गंगा विचार मंच, उत्तराखंड।