उत्तराखण्ड
स्वतंत्रता आंदोलन में बागेश्वर की अहम भूमिका
सीएन, बागेश्वर। स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगाठ पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत समारोह में बागेश्वर के कुली बेगार आंदोलन के सेनानियों के आजादी में योगदान पर व्याख्यानमाला हुई। वक्ताओं ने ब्रितानी हुकूमत के विरुद्ध यहा के क्रांतिवीरों ने जो क्रांति छेड़ी थी उससे युवा पीढ़ी को रूबरू कराया गया।
क्षेत्रीय अभिलेखागार नैनीताल के तत्वावधान में बागेश्वर में इंटर कालेज में अभिलेख प्रदर्शनी आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ी को स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में जानकारी देना है। इसके माध्यम से जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जिन्हें हम जानते नहीं हैं उनके बारे में जानकारी दी जा रही हैं। उन्होने कहा कि कुमाऊं व गढ़वाल के वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्हें 1857 में नैनीतालफांसी गधेरे में फांसी की सजा दी गई उनका भी जिक्र किया गया है, इस
इस प्रदर्शनी से हमारी पीढ़ी को इतिहास की जानकारी मिल रही है। वहीं बागेश्वर में डायट के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र धपोला ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बागेश्वर की भूमिका अहम रही है। कुली बेगार आंदोलन इसका उदाहरण है। विद्यार्थियों, शिक्षक तथा अभिभावकों समेत लोगों को जागरूक करने में यह प्रदर्शनी मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य अतिथि नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में अभिलेख सहित प्रदर्शनी एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि अभिलेख राष्ट्र की अमूल्य सांस्कृतिक निधि है। इसे संवारना हम सभी का कर्तव्य है। गौरतलब है कि देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह मना रहा है। यह समारोह वर्ष 2023 तक चलेगा। अभी इस अभिलेखीय प्रदर्शनी में कुमाऊं और गढ़वाल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में अभिलेख सहित उल्लेख किया गया है जिसे देख—पढ़कर हर कोई अपने ईतिहास को जान रहा है। इस मौके पर प्रधानचार्य प्रमोद तिवाड़ी,डाइट प्रचार्य डॉ एस एस धपोला,रवि जोशी,संदीप जोशी,दीप जोशी आदि मौजूद रहे।