उत्तराखण्ड
जिला पंचायत नैनीताल के अध्यक्षों का सफर : ढोलीगांव के रायबहादुर जगन्नाथ पाण्डे से लेकर देवलचौड़ की दीपा दरम्वाल तक…
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। जिला पंचायत नैनीताल का इतिहास बेहद स्वर्णिम रहा है। इसकी अध्यक्ष की कुर्सी को जहां स्वतंत्रता सेनानी सुशोभित कर चुके हैं वहीं इस पद को चार बार महिलाओं ने सुशोभित किया है। 22वीं बार देवलचौड़ हल्द्वानी निवासी भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद सिंह दरम्वाल की पत्नी दीपा दरम्वाल इस कुर्सी पर विराजमान हुई हैं। वह पांचवीं महिला अध्यक्ष होंगी।बता दें कि ब्रिटिशकाल में जिले के ओखलकांडा के ढोलीगांव निवासी रायबहादुर जगन्नाथ पाण्डे को शिक्षा के प्रसार के लिए राय साहब की उपाधि से नवाजा था। आजाद भारत में पाण्डे नैनीताल के पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बने। वह शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए जाने जायेंगे। अपने कार्यकाल में उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा उत्थान में महत्त्वपूर्ण कार्य किये। इतिहासकारों के अनुसार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इंद्र सिंह नयाल 1948 में, श्याम लाल वर्मा 1954 में, शिव नारायण सिंह नेगी कार्यवाहक अध्यक्ष 1969 में जबकि सोबन सिंह दर्मवाल 1974 में जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा आरपी जोशी, बीना आर्या, कुंवर सिंह नेगी, कमलेश शर्मा, सुमित्रा प्रसाद, बेला तोलिया जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। अब 22वीं बार यानी 2025 में देवलचौड़ निवासी दीपा दरम्वाल भाजपा की ओर से इस कुर्सी पर विराजमान हुई हैं। इस कुर्सी को कई बार प्रशासकों के हवाले भी किया गया। जिला पंचायत में 1958 से 61 तक पहली बार जिला पंचायत में जिलाधिकारी प्रशासक रहे। इसके अलावा 1970 से 1974, 1977 से 1989, दिसंबर 1995 से दिसंबर 1996 तक, 2002 में केवल तीन माह, अक्टूबर 2013 से जनवरी 2014 तक, जनवरी 2014 से अगस्त 2014 तक, अगस्त से दिसंबर 2019 तक जिलाधिकारी के हाथ बतौर प्रशासक कमान रही। इस दौरान जिले के ग्रामीण इलाकों में कोई महत्वपूर्ण कार्यों की फेहरिस्त भी नही मिलती। बहरहाल 2025 के इन चुनावों में भाजपा व कांग्रेस के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। पांच सदस्य कथित अपहरण के कारण मतदान नही कर सके। 27 सदस्यीय बोर्ड में से केवल 22 सदस्य ही मतदान कर सके। मतगणना में भाजपा को 11 व कांग्रेस को 10 मत मिले। एक मत अयोग्य पाया गया। जिसे टेंपरिंग का आरोप लगा कर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने आठ सदस्यीय अधिवक्ताओं की कमेटी बना कर जांच करवाई जो गलत पाई गई। मंगलवार को इस पर हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई होनी है। बहरहाल ढोलीगांव निवासी रायसाहब जगन्नाथ पाण्डे से लेकर देवलचौड़ निवासी दीपा दरम्वाल तक का नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का सफर महत्वपूर्ण रहा है। बता दें कि कुमाऊं में नैनीताल व चम्पावत जिले भौगोलिक दृष्टि से बहुत ही अलग हैं। इन जिलों में पहाड़ी व मैदानी इलाके आते हैं। जिनका विकास के तौर पर सामंजस्य रखना बेहद मुश्किल भरा होता है। 22 वीं जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल के लिये यह चुनौती होगी। फिलहाल उन्हें पंचायती राजनीति बिरासत में मिली है। वह स्वयं पंचायती व्यवस्था में रह चुकी हैं। उनके ससुर देवलचौड़ के पांच दशक तक ग्राम प्रधान रह चुके हैं। उनके पति आनंद सिंह दरम्वाल हल्द्वानी के ब्लाक प्रमुख व नैनीताल के जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे है। बकौल दीपा दरम्वाल उनके पति व पार्टी का मार्गदर्शन उन्हें जिले के चहुंमुखी विकास के लिए प्रोत्साहित करते रहेगा। उनकी प्राथमिकता जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक विकास का उजाला लाना होगा। वह एक सितंबर को शपथ लेकर अध्यक्ष पद का सफर शुरू करेंगी। देखना यह है कि उनका कार्यकाल कितना सफल रहता है। उनके पास तीन इंजन की सरकार के सहारे विकास की धारा बहाने का सुनहरा मौका है।
