Connect with us

उत्तराखण्ड

डूंगरपुर के राजा के प्रेम में थीं लता मंगेशकर, क्यों अधूरी रह गई दोनों की प्रेम कहानी

डूंगरपुर के राजा के प्रेम में थीं लता मंगेशकर, क्यों अधूरी रह गई दोनों की प्रेम कहानी
सीएन, नईदिल्ली।
संगीत की दुनिया का चमकता हुआ सितारा स्वर कोकिला लता मंगेशकर के लिए जितना भी लिखा जाए कम होगा। वह हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उन्होंने खुद को अपने खूबसूरत गानों के जरिए लोगों के दिलों में जिंदा रखा है। आज लता मंगेशकर की बर्थ एनिवर्सरी है। 28 सितंबर 1929 को जन्मी लता मंगेशकर ने संगीत की दुनिया में छोटी उम्र में ही कदम रख दिया था। कहा जाता है स्वर कोकिला ने अलग-अलग भाषाओं में छह हजार से भी ज्यादा गाने गाए हैं। लता मंगेशकर के काम के अलावा, निजी जिंदगी की बात की जाए तो वह बहुत ही साधारण जीवन जीती थीं और उन्होंने शादी भी नहीं की थी। इसी वजह से अक्सर लोगों के दिमाग में यह सवाल उठ जाता है कि उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं की? क्या उन्हें कभी प्यार नहीं हुआ? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं। कहते हैं कि लता मंगेशकर डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह को बेहद पसंद करती थीं और राज सिंह भी लता को पसंद करते थे। दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों एक-दूसरे को प्यार करने लगे थे। राज सिंह लता के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर के दोस्त भी थे। लता और राज की मुलाकात ह्रदयनाथ मंगेशकर के जरिए ही हुई थी। कहा जाता है कि राज सिंह ने अपने माता-पिता से वादा किया था कि वह किसी भी आम घर की लड़की को उनके घराने की बहू नहीं बनाएंगे। लता मंगेशकर का शादी न करने की एक वजह घर की जिम्मेदारियां भी थीं, जो उन्होंने छोटी उम्र में ही उठा ली थी। वह महज 13 साल की थीं जब उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था, जिसके बाद लता ने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाई। इसी वजह से उन्होंने कभी शादी नहीं की। दूसरी तरफ, लता की तरह राज सिंह भी जीवन भर अविवाहित रहे। राज, लता से 6 साल बड़े थे और वह लता को प्यार से मिट्ठू पुकारते थे। राज का लता मंगेशकर के लिए प्यार इस बात से समझा जा सकता है कि उनकी जेब में हमेशा एक टेप रिकॉर्डर रहता था जिसमें लता के चुनिंदा गाने होते थे। कम ही लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर ने फिल्म दुनिया में कदम बतौर चाइल्ट आर्टिस्ट रखा था। वह छोटी उम्र में ‘माझे बाल’, ‘चिमुकला संसार’, ‘गजभाऊ’, ‘बड़ी मां’, ‘जीवन यात्रा’, ‘मांद’, ‘छत्रपति शिवाजी’ जैसी कई फिल्मों में नजर आई थीं। उन्हें पहली बार निर्देशक वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म में गाने का मौका दिया था, जिसका नाम था ‘आपकी सेवा में’। इसके बाद उन्होंने सिंगर के रूप में इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई। लता मंगेशकर ने 36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड कराए हैं। उन्हें साल 1989 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। साल 2001 में लता मंगेशकर भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया था।

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING