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उत्तराखण्ड

नैनी झील की सर्वाधिक गहराई 24.6 व कम गहराई चार मीटर पाई गई

टीडीएस पर आईआरएस व इसरो देहरादून की सर्वे रिपोर्ट लोगों को संतोष देने वाली
झील की गहराई को लेकर की गई सर्वे पर पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत नही रखते इत्तेफाक
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल।
नैनी झील के दीर्घकालिक संरक्षण एवं आन्तरिक प्रोफाइल विकसित किये जाने, झील की अन्तर्जलीय संरचना, जैव विविधता स्थिति एवं पारिस्थितिकी तंत्र, पेयजल शुद्धता का विस्तृत विश्लेषण एवं परीक्षण के लिए आईआरएस संस्थान व इसरो देहरादून के वैज्ञानिकों के दल द्वारा किये गए पूर्व में सर्वे की रिपोर्ट नैनी झील व शहरवासियों को संतोष देने वाली है। प्रशासन को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार ठंडी सड़क की ओर झील की गहराई 22 से 24.6 मीटर है। जबकि झील की न्यूनतम गहराई चार मीटर और औसत गहराई नौ मीटर है। मालूम हो कि इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा बैथीमेट्री विश्लेषण कार्य के अन्तर्गत वाटर डेप्थ मैपिंग व लेक बैड प्रोफाइलिंग, झील का विस्तृत जल गुणवत्ता विश्लेषण, पीएच लेवल, ऑक्सीजन, टीडीएस, क्लोरीन, टर्बिडिटी, सेरेनिटी आदि परीक्षण किये गये। झील के कॉन्टूर मैपिंग के अनुसार झील की गहराई न्यूनतम चार से सात मीटर, अधिकतम 24.6 मीटर प्राप्त हुई तथा औसत नौ मीटर प्राप्त हुई तथा पानी का टीडीएस 300 से 700 मिली ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुआ जो पानी की अच्छी गुणवत्ता को दर्शाता है। झील की गहराई को लेकर की गई सर्वे पर पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत इत्तेफाक नही रखते है। प्रो. रावत का कहना है कि अंग्रेजी शासनकाल में हुए एक सर्वे के मुताबिक झील की अधिकतम गहराई 30 मीटर मानी गई थी। ठंडी सड़क के पाषाणदेवी मंदिर के पास ही सर्वाधिक गहराई मानी गई है, लेकिन इस स्थान की संरचना ऐसी है कि इसकी वास्तविक गहराई मापना कठिन है। उनका कहना है कि झील की तीनों पहाड़ियों से आजादी के बाद हुई बसासत से नालों से मलुवा लगातार झील में गिरता रहा है। जिससे झील के किनारे संकरें हुए। वह कहते हैं कि झील की माप वर्ष में दो बार की जानी चाहिए। मानसून से पहले जनवरी व मानसून के बाद जून में। इससे झील की वास्तविक स्थिति का पता लग सकता हैं।
78 हजार बिन्दुओं की गहराई मापते हुए कॉन्टूर लेक प्रोफाइल तैयार
नैनीताल।
इन परीक्षणों में इसरो वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार नैनी झील की 78 हजार बिन्दुओं की गहराई मापते हुए कॉन्टूर लेक प्रोफाइल तैयार कर रिपोर्ट दी गयी। झील के पानी की गुणवत्ता के आकड़ों को पहली बार जीआईएस प्रोफाईल पर प्रदर्शित करते हुए झील के विभिन्न स्थानों पर पानी की गुणवत्ता का मानचित्रीकरण किया गया। इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे के उपरान्त डाटा उपलब्ध कराया गया जिसे जिला प्रशासन के जीआईएस सेल द्वारा परिशोधन करके महत्वपूर्ण परिणाम ज्ञात किये गये।
झील के पानी के टीडीएस से पानी की अच्छी गुणवत्ता पता चला
नैनीताल।
नैनी झील के पानी की गुणवत्ता के आकड़ों को पहली बार जीआईएस प्रोफाईल पर प्रदर्शित करते हुए झील के विभिन्न स्थानों पर पानी की गुणवत्ता का मानचित्रीकरण किया गया। इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे के उपरान्त डाटा उपलब्ध कराया गयाए जिसे जिला प्रशासन के जीआईएस सेल द्वारा परिशोधन करके महत्वपूर्ण परिणाम ज्ञात किये गये। झील के पानी का टीडीएस 300 से 700 मिली ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुआ जो पानी की अच्छी गुणवत्ता को दर्शाता है। पानी का डीओ अधिकतम 7.5 मिलीग्राम प्रति लीटर व न्यूनतम 6.7 मिली ग्राम प्रति लीटर मिला। इसरो के माध्यम से प्रतिवर्ष मानसून से पहले व मानसून के बाद वर्ष में दो बार झील के पानी का परीक्षण कराया जायेगा।

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