उत्तरकाशी
बढ़ाई जा सकती है चारधाम यात्रियों की संख्या
मुख्यमंत्री ने तय की गई 38 हजार की सीमा को बढ़ाने के संकेत
सीएन, उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रियों की हाल में शासन की ओर से तय की गई 38 हजार की सीमा को बढ़ाने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसी कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की संख्या अधिक बढ़ेगी तो इस पर विचार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शासन की ओर से तय की गई सीमा का पहले दिन से ही चौतरफा विरोध हो रहा था। हालांकि मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद थोड़ी भ्रम की भी स्थिति बनी है क्योंकि उन्हीं के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज मंगलवार को शासनादेश के हिसाब से यात्रियों की सीमित संख्या का हवाला देते नजर आए थे। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले शासन ने आदेश जारी कर चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या तय कर दी थी। यमुनोत्री धाम में 4 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, केदारनाथ में 12 हजार तथा बदरीनाथ में 15 हजार की संख्या तय की गई थी। शासन के इस आदेश का पंडे-तीर्थ पुजारियों के अलावा रोटेशन से जुड़े टैक्सी-बस से जुड़े कारोबारियों, होटल, होम स्टे मालिकों व व्यापारियों ने कड़ा विरोध किया था। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी सहित यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव हर्षिल, धराली में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। साथ ही होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर आदेश वापस लेने की मांग की थी। मंगलवार को गंगोत्री धाम पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी से पत्रकारों ने शासन के आदेश पर प्रतिक्रिया मांगी। इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऐसी कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि उन्होंने धामों में तीर्थयात्रियों की अधिक संख्या होने पर इस पर विचार करने की बात कही। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने तीर्थयात्रियों की संख्या तय नहीं करने संबंधी सीएम के बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों को यात्रा सीजन से बड़ी उम्मीदें हैं। ऐसे में धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या तय करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ती भी है तो चारों धामों में संख्या बराबर रहनी चाहिए।